सेबी चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने बताया कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा बढ़ा है, अप्रैल में FPIs ने ₹1,900 करोड़ का निवेश किया. उन्होंने SME IPO में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी. म्यूचुअल फंड के TER की समीक्षा फिलहाल नहीं होगी.
सेबी चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने बताया कि विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा बढ़ा है, अप्रैल में FPIs ने ₹1,900 करोड़ का निवेश किया. उन्होंने SME IPO में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी. म्यूचुअल फंड के TER की समीक्षा फिलहाल नहीं होगी.
नई दिल्ली. विदेशी निवेशकों के बीच भारतीय बाजार को लेकर माहौल सकारात्मक है. यह कहना है सेबी के नव-नियुक्त चेयरमैन तुहिन कांता पांडे का. उन्होंने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा कि वह हाल ही में यूएस के दौरे पर गए थे और वहां उन्होंने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) से मुलाकात की. बकौल पांडेय, भारत के शेयर बाजार को लेकर विदेशी निवेशकों का मूड बेहद सकारात्मक है. उन्होंने कहा कि वॉशिंगटन डीसी, न्यूयॉर्क और बॉस्टन में हुई बैठकों में भारत की विकास यात्रा पर निवेशकों का भरोसा दिखा.
बकौल सेबी चीफ, IMF-IOSCO और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंगेजमेंट ग्रुप के तहत हुई चर्चाओं में भारत को लेकर काफी सकारात्मक बातें सामने आईं. बता दें कि FPIs ने अप्रैल में भारतीय शेयर बाजार में लगभग ₹1,900 करोड़ का निवेश किया, जबकि पहले तीन महीनों में वे नेट सेलर थे. 11 अप्रैल से अब तक FPI निवेश ₹24,000 करोड़ से अधिक हो गया है, जबकि जनवरी और फरवरी में उन्होंने क्रमशः ₹78,027 करोड़ और ₹34,574 करोड़ की बिकवाली की थी. पांडे ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में भारत में इक्विटी और डेट में कुल $58 अरब का विदेशी निवेश हुआ है और हालिया बिकवाली अमेरिका में नई सरकार को लेकर अनिश्चितता, मार्केट वैल्यूएशन और चीन-भारत बाजार तुलना जैसे कारकों के चलते हुई थी.
आईपीओ में निवेश से पहले रहें सतर्क
तुहिन कांता पांडे ने SME IPO में निवेश को लेकर भी बात की. उन्होंने इस संबंध में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि निवेशक केवल जल्दी मिलने वाले रिटर्न के लालच में न आएं, बल्कि कंपनियों द्वारा किए गए डिस्क्लोज़र (जानकारी) को ध्यान से पढ़ें और समझदारी से पैसा लगाएं. उन्होंने यह भी बताया कि कई बार रिटर्न आकर्षक दिखते हैं, लेकिन हकीकत में वे टिकाऊ नहीं होते. सेबी SME IPO सेगमेंट पर नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर नियमों की समीक्षा भी की जाएगी.
सेबी प्रमुख ने यह भी बताया कि SME IPO में हाल के वर्षों में जबरदस्त उछाल देखा गया है, 2023 में 181 कंपनियों ने ₹4,664 करोड़ और 2024 में अब तक 240 कंपनियों ने ₹8,761 करोड़ जुटाए हैं. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि गलत सलाह देने वाले फिनफ्लुएंसर्स (finfluencers) पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि कई मामलों में ‘पंप एंड डंप’ (Pump and Dump) जैसी रणनीति अपनाई गई है, और सेबी ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाएगा.
टीईआर की समीक्षा नहीं
म्यूचुअल फंड के टोटल एक्सपेंस रेशियो (TER) की समीक्षा की प्रक्रिया को शुरू किए दो साल से ज़्यादा हो चुके हैं, लेकिन अब सेबी ने इस मामले में फिलहाल किसी बदलाव से इनकार करते हुए ‘जैसा है वैसा’ (status quo) की स्थिति बरकरार रखने का संकेत दिया है. सेबी चेयरमैन तुहिन कांता पांडे ने मनीकंट्रोल को बताया कि TER फिलहाल समीक्षा के दायरे में नहीं है और फिलहाल सेबी का ध्यान नियमों को सरल और ‘उत्तम नियमन’ (optimum regulation) की दिशा में ले जाने पर है.
TER म्यूचुअल फंड के संचालन की लागत को दर्शाता है और इसे स्कीम के AUM के प्रतिशत के रूप में मापा जाता है. अधिक TER का मतलब होता है कि निवेश का बड़ा हिस्सा प्रबंधन लागत में चला जाता है. पांडे ने बताया कि भले ही TER की एक ऊपरी सीमा तय है, लेकिन वास्तव में निवेशकों से ली जाने वाली फीस इससे कम हो सकती है. उन्होंने ब्रोकिंग कंपनियों का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे कई डिस्काउंट ब्रोकर्स शून्य ब्रोकरेज वसूलते हैं, जबकि नियामक ने शुल्क की एक सीमा तय की हुई है. TER का मुद्दा संवेदनशील रहा है और कई म्यूचुअल फंड कंपनियाँ इस पर सेबी के रुख से असहज रही हैं.
Source: https://hindi.news18.com/news/business/latest-fpi-confidence-in-indian-market-grows-sebi-chairman-remarks-after-us-visit-ws-kl-9211304.html