महेश नंदुरकर के अनुसार, सरकारी खर्च में वृद्धि और बैंकों पर कम दबाव से भारतीय शेयर बाजार में सुधार की संभावना है. बैंकिंग, ऑटो, रियल एस्टेट और पावर सेक्टर में निवेश फायदेमंद हो सकता है.

नई दिल्ली. जेफरीज इंडिया के एमडी और रिसर्च प्रमुख महेश नंदुरकर का कहना है कि लगातार पांच महीनों की गिरावट के बाद भारतीय शेयर बाजार सुधार की ओर बढ़ सकता है. हालिया गिरावट के कारण बाजार मूल्यांकन ऐतिहासिक स्तरों से नीचे आ गया है, जबकि अर्थव्यवस्था में सुधार के शुरुआती संकेत दिख रहे हैं.  इससे बाजार में स्थिरता लौटने की उम्‍मीद बंधी है. CNBC-TV18 के साथ बातचीत में नंदुरकर ने कहा कि सरकारी खर्च में वृद्धि, बैंकों पर कम होता नियामकीय दबाव और वैश्विक बाजारों के बदलते रुख से संकेत मिल रहे हैं कि शेयर बाजार में गिरावट का अंत अब करीब ही आ गया है.  बैंकिंग, ऑटो, रियल एस्टेट और पावर सेक्टर में निवेश करने वालों को फायदा हो सकता है, जबकि आईटी सेक्टर को लेकर सतर्कता बरतने की जरूरत है.

महेश नंदुरकर ने कहा कि निफ्टी अपने 10 साल के औसत मूल्यांकन स्तर पर आ चुका है. जिन 200+ कंपनियों को जेफरीज ट्रैक करता है, उनमें से 100 कंपनियां पिछले 10 साल के औसत से नीचे कारोबार कर रही हैं. निफ्टी-गोल्ड रेशियो (जो संकेत देता है कि बाजार निवेश के लिए आकर्षक स्तर पर है या नहीं) अब 2.75 के स्तर पर पहुंच गया है. इसका मतलब है कि आने वाले महीनों में बाजार के बेहतर प्रदर्शन कर सकता है.

चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में सरकारी व्यय में 2-3% की गिरावट दर्ज की गई थी, लेकिन दूसरी छमाही में इसमें 14-15% की बढ़ोतरी की संभावना है. बीते वर्ष के दौरान क्रेडिट ग्रोथ 16-17% से घटकर 10-11% पर आ गई थी, लेकिन अब RBI द्वारा तरलता सुधारने पर फोकस करने से स्थिति बेहतर हो रही है. अमेरिकी डॉलर में गिरावट और फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती उभरते बाजारों, खासकर भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है.

कौन से सेक्टर देंगे बेहतर रिटर्न?

महेश नंदुरकर ने निवेशकों को बैंकिंग और एनबीएफसी सेक्टर पर ध्यान देने की सलाह दी, क्योंकि यह अपनी दीर्घकालिक औसत से नीचे मूल्यांकन पर कारोबार कर रहा है. इसके अलावा, ऑटो, रियल एस्टेट और पावर सेक्टर में भी बेहतर संभावनाएं दिख रही हैं. उन्होंने आईटी सेक्टर को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी, क्योंकि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों और उच्च वैल्यूएशन के कारण इसमें निवेश का जोखिम अधिक है.

क्या अमेरिकी बाजार की कमजोरी भारत के लिए अच्छा संकेत है?
नंदुरकर ने कहा कि अमेरिकी शेयर बाजार वैश्विक बाजारों के लिए ट्रेंड सेट करता है, लेकिन इस बार उभरते बाजारों, खासकर भारत को बेहतर प्रदर्शन का अवसर मिल सकता है. उन्होंने बताया कि फंड फ्लो एशियाई और यूरोपीय बाजारों की ओर बढ़ रहा है, जिससे भारतीय बाजार को समर्थन मिलेगा.

Source ; https://hindi.news18.com/news/business/share-market-indian-stock-market-expected-to-improve-banking-and-auto-investment-beneficial-9106818.html

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