बताया गया है कि 16 बीमा कंपनियों ने 824 करोड़ रुपए का आईटीसी लिया और इन कंपनियों ने अबतक स्वेच्छा से 217 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया है.
जीएसटी अथॉरिटी ने एक बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा किया है. गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स अथॉरिटी ने 16 बीमा कंपनियों द्वारा 824 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट के कथित दुरुपयोग का पता लगाया है. अथॉरिटी के मुताबिक इन कंपनियों ने फर्जी चालान जारी करने के लिए अपने बिचौलियों का इस्तेमाल किया था. जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय के हवाले से बताया गया है कि 16 बीमा कंपनियों ने 824 करोड़ रुपए का आईटीसी लिया और इन कंपनियों ने अबतक स्वेच्छा से 217 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया है.
डीजीजीआई के मुंबई जोनल यूनिट ने जांच शुरु की थी लेकिन बयान में फर्मों के नामों का खुलासा नहीं किया गया है. बयान के मुताबिक इन कंपनियों ने एडवर्टाइजिंग, मार्केटिंग और ब्रांड एक्टिवेशन जैसी सेवाएं प्रदान करने के लिए कई बिचौलियों द्वारा जारी चालान के आधार पर आईटीसी का लाभ उठाया था. बयान के मुताबिक, लेकिन इन कंपनियों ने वास्तव में ऐसी कोई सेवाएं प्रदान नहीं की. हालांकि जीएसटी कानूनों में इस तरह के किसी भी तरह के इनपुट टैक्स क्रेडिट का प्रावधान नहीं है.
एनबीएफसी कर रही बीमा कंपनियों के लिए एजेंट का काम
बयान के मुताबिक माइक्रो-फाइनेंसिंग व्यवसायों में लगी कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) बीमा कंपनियों के कॉर्पोरेट एजेंट के रूप में काम कर रही हैं, औक ये कंपनियां अपने सिंगल प्रीमियम क्रेडिट (लिंक्ड) इंश्योरेंस पॉलिसीज को क्रॉस सेल कर रही हैं. आईआरडीए रेगुलेशन के मुताबिक कॉर्पोरेट्स एजेंट को सिर्फ नोमिमल कमिशन की इजाजत है. बयान के मुताबिक इन विनियमों को दरकिनार करने के लिए, बीमा कंपनियों ने विज्ञापन और वेब मार्केटिंग की सेवाओं की आपूर्ति करने, एनबीएफसी को कमिशन स्थानांतरित करने के लिए बिचौलियों से चालान हासिल करने का सहारा लिया – लेकिन सेवाओं की आपूर्ति की ही नहीं गई. हालांकि बदले में इन बिचौलियों को ऐसी आपूर्ति के लिए एनबीएफसी से चालान हासिल हुए.
Source:https://www.tv9hindi.com/business/latest-hindi-news-16-insurance-companies-committed-fraud-of-824-crores-gst-authority-disclosed-au489-1482389.html