भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) एक दिसंबर से जीएसटी मुनाफाखोरी से जुड़ी सभी शिकायतों की जांच करेगा. इससे पहले इस प्रकार की शिकायतों का निपटारा राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण (NAA) करता था. केंद्र सरकार ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है. वर्तमान में, कंपनियों द्वारा जीएसटी दर में कटौती का लाभ नहीं देने संबंधी उपभोक्ताओं की शिकायतों की जांच मुनाफाखोरी-रोधी महानिदेशालय (DGAP) करता है और फिर यह अपनी रिपोर्ट एनएए को सौंपता है. जिसके बाद एनएए इन शिकायतों पर अंतिम निर्णय लेता है.

इस महीने एनएए का कार्यकाल समाप्त होने वाला है. जिसके चलते इसके कामकाज को एक दिसंबर से सीसीआई संभालेगा. अब डीजीएपी अपनी सभी रिपोर्ट सीसीआई को देगा, जो उन पर फैसला सुनाएगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (CBIC) ने 23 नंवबर को एक अधिसूचना में यह कहा है.

आपको बता दें कि एनएए की स्थापना गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कानून की धारा 171ए के तहत नवंबर 2017 में दो साल के लिए (2019 तक) की गई थी. हालांकि, बाद में इसका कार्यकाल दो साल तक के लिए बढ़ाकर नवंबर 2021 तक कर दिया गया. पिछले वर्ष सितंबर में जीएसटी परिषद (GST Council) ने एनएए का कार्यकाल और एक साल के लिए बढ़ाकर 30 नवंबर 2022 कर दिया. जिसके बाद इसका सारा कामकाज सीसीआई को सौंपने का निर्णय लिया गया.

अधिकारियों ने बताया कि जीएसटी मुनाफाखोरी से संबंधित शिकायतों से निपटने के लिए सीसीआई में एक अलग सेगमेंट की स्थापना की जा सकती है. वहीं, सीसीआई के पूर्व चेयरमैन अशोक कुमार गुप्ता अक्टूबर में रिटायर हो चुके हैं. उनके रिटायर होने के बाद  अब तक नए चेयरमैन की नियुक्ति संभव नहीं हो पाई है.

Source: https://ndtv.in/business/gst-news-update-competition-commission-of-india-cci-to-check-gst-related-profiteering-cases-from-1-december-hindi-3549324

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