GstItReturn - Gst It Return https://gstitreturn.com/author/gstitreturn/ Lets Discuss Tax in India... Mon, 13 Jan 2025 14:23:27 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://gstitreturn.com/wp-content/uploads/2022/05/cssf-100x100.png GstItReturn - Gst It Return https://gstitreturn.com/author/gstitreturn/ 32 32 चारों खाने चित्त हुआ रुपया, सेंसेक्स क्रैश, अमेरिका ने चली ऐसी चाल की लाचार हुआ भारत का शेयर बाजार, मिनटों में खाक हुए ₹4.53 लाख करोड़ https://gstitreturn.com/%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%96%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%86-%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%aa%e0%a4%af/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%9a%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%96%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%9a%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%86-%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%aa%e0%a4%af/#respond Mon, 13 Jan 2025 14:22:21 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5994 भारतीय रुपया लगातार कामजोर हो रहा है. डॉलर की बढ़ती शक्ति के बीच भारतीय रुपया अपने सर्वकालिन निचले स्तर पर पहुंच गया है. सोमवार को रुपये की बदहाली साफ तौर पर दिखी, पहली बार भारतीय रुपया 86 से ऊपर पहुंच गया.Rupee Vs Dollar: भारतीय रुपया लगातार कामजोर हो रहा है. डॉलर की बढ़ती शक्ति के बीच […]

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भारतीय रुपया लगातार कामजोर हो रहा है. डॉलर की बढ़ती शक्ति के बीच भारतीय रुपया अपने सर्वकालिन निचले स्तर पर पहुंच गया है. सोमवार को रुपये की बदहाली साफ तौर पर दिखी, पहली बार भारतीय रुपया 86 से ऊपर पहुंच गया.
Rupee Vs Dollar: भारतीय रुपया लगातार कामजोर हो रहा है. डॉलर की बढ़ती शक्ति के बीच भारतीय रुपया अपने सर्वकालिन निचले स्तर पर पहुंच गया है. सोमवार को रुपये की बदहाली साफ तौर पर दिखी, पहली बार भारतीय रुपया 86 से ऊपर पहुंच गया. शुरुआती कारोबार में ही यह डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गिरकर 86 से ऊपर चला गया. 

पहली बार रुपया 86 के पार 

आज शुरुआती कारोबार में ही भारतीय रुपया बेबस दिखा और 27 पैसे की गिरावट के साथ अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर 86.31 पर पहुंच गया.  अमेरिका में डोनाल्ट ट्रंप की वापसी के बाद वहां की स्थिति लगातार बदल रही है, जिसकी वजह से डॉलर मजबूत हो रहा है.  डॉलर की मजबूती के साथ ही भारतीय रुपया कमजोर होता जा रहा है.  

क्यों गिर रहा है भारतीय रुपया 

भारतीय रुपये में आई गिरावट की सबसे बड़ी वजह डॉलर की मजबूती है.  ट्रंप की वापसी के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. इकोनॉमी में आई मजबूती के बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 के लिए प्रस्तावित ब्याज दरों में कटौती को वापस ले लिया है. ट्रंप की नीतियों से अमेरिकी कंपनियों और अमेरिकी बाजार को बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. कॉर्पोरेट टैक्स कटौती और टैरिफ में बढ़ोतरी डॉलर को मजबूती दे रही है. अमेरिकी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने आने के साथ ही टैरिफ बढ़ाने की बात कही है. कई देशों के साथ व्यापार पर बैन लगाने का दवाब बढ़ेगा, जिसकी वजह से डॉलर के और मजबूत होने की उम्मीद है. वहीं विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार से निकलने का सिलसिला जारी है, जिसकी वजह से भारतीय करेंसी पर दवाब बढ़ रहा है. इतना ही नहीं कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें और घरेलू शेयर बाजारों की गिरावट ने भी भारतीय करेंसी पर नकारात्मक प्रभाव डाला है. भारत का निर्यात आयात के मुकाबले कम है, जिसकी वजह से रुपया कमजोर हो रहा है. 

कमजोर रुपया का आप पर असर  

ऐसा नहीं है कि रुपये के कमजोर होने का असर सिर्फ सरकार पर दिखेगा. आप भी इस दवाब में आएंगे. रुपये के गिरने से आयात महंगा हो जाता है. निर्यात सस्ता हो जाता है. रुपये के कमजोर होने पर सरकार को विदेशों से सामान खरीदने के लिए अधिक खर्च करने पड़ते हैं. अगर खर्च ज्यादा होगा तो महंगाई का असर आम जनता तक पहुंचेगा. रुपये के कमजोर होने पर आयात बिल बढ़ेगा, पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं.  यानी आपको महंगाई से जूझना पड़ेगा.  

बाजार में कोहराम जारी 

 सिर्फ रुपया ही नहीं भारतीय बाजार की हालात खराब है. भारतीय शेयर बाजार लगातार गिर रहा है. सेंसेक्स सोमवार को खुलने के साथ ही धड़ाम हो गया.    शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 800 अंक गिर गया जबकि निफ्टी 23,200 अंक से नीचे चला गया. सेंसेक्स के टूटने के साथ ही निवेशकों के 4.53 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. यानी बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप में 4.53 लाख करोड़ रुपये की गिरावट के साथ  225.14 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई.  

शेयर बाजार का बुरा हाल  

कमजोर वैश्विक रुझानों और विदेशी पूंजी की निकासी के बीच सोमवार को शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई.  बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 843.67 अंक की गिरावट के साथ 76,535.24 अंक पर आ गया. एनएसई निफ्टी 258.8 अंक फिसलकर 23,172.70 अंक पर रहा.  सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से एशियन पेंट्स, जोमैटो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक और टाटा स्टील के शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहे.  इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और हिंदुस्तान यूनिलीवर के शेयर लाभ में रहे.  एशियाई बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, हांगकांग का हैंगसेंग, और चीन का शंघाई कम्पोजिट नुकसान में रहे. अमेरिकी बाजार शुक्रवार को नकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे. अंतरराष्ट्रीय मानक ब्रेंट क्रूड 1.62 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81.05 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रहा.  शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुक्रवार को बिकवाल रहे थे और उन्होंने शुद्ध रूप से 2,254.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे.  

Source : https://zeenews.india.com/hindi/explainer/indian-rupee-dips-86-against-dollar-for-the-first-time-share-market-crash-with-fall-of-800-point/2599009

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Digital Personal Data Protection: सरकार ने जारी किया FAQ, इन 8 सवालों के जरिए दूर कर लें सारे कनफ्यूजन https://gstitreturn.com/digital-personal-data-protection-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-faq-%e0%a4%87%e0%a4%a8-8/ https://gstitreturn.com/digital-personal-data-protection-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-faq-%e0%a4%87%e0%a4%a8-8/#respond Sat, 11 Jan 2025 12:20:15 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5991 सरकार ने लोगों के डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने की दिशा में अहम कदम उठा रही है. जारी किए गए मसौदे में उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है. मसौदे के मुताबिक बच्चों और दिव्यांगों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की परमिशन लेनी होगी. सरकार ने लोगों के डिजिटल […]

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सरकार ने लोगों के डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने की दिशा में अहम कदम उठा रही है. जारी किए गए मसौदे में उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है. मसौदे के मुताबिक बच्चों और दिव्यांगों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की परमिशन लेनी होगी.

सरकार ने लोगों के डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने की दिशा में अहम कदम उठा रही है. जारी किए गए मसौदे में उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है. मसौदे के मुताबिक बच्चों और दिव्यांगों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की परमिशन लेनी होगी. ड्राफ्ट में साफ कहा गया है कि डाटा की सुरक्षा प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी होगी. मसौदे के संबंध में आप अपनी राय या सुझाव MyGov पोर्टल पर 18 फरवरी 2025 तक दे सकते हैं. 

सरकार ने लोगों के डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखने की दिशा में अहम कदम उठा रही है. जारी किए गए मसौदे में उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का जिक्र नहीं है. मसौदे के मुताबिक बच्चों और दिव्यांगों को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की परमिशन लेनी होगी. ड्राफ्ट में साफ कहा गया है कि डाटा की सुरक्षा प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारी होगी. मसौदे के संबंध में आप अपनी राय या सुझाव MyGov पोर्टल पर 18 फरवरी 2025 तक दे सकते हैं. 

डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण नियमों के मसौदे के संबंध में आम तौर पर पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक लिस्ट भी सरकारी ने जारी की है. आइए जानते हैं इनके बारे में.

मसौदा नियमों का उद्देश्य डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (डीपीडीपी अधिनियम) के अनुसार नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है, साथ ही विनियमन और नवाचार के बीच सही संतुलन प्राप्त करना है, ताकि भारत के बढ़ते नवाचार इकोसिस्टम का लाभ सभी नागरिकों और भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मिल सके.

2. नियम डिजिटल प्रौद्योगिकियों और इसके उपयोग में तेजी से हो रहे बदलाव को किस तरह ध्यान में रखते हैं? 

डीपीडीपी अधिनियम और मसौदा नियम दोनों ही डिजाइन के हिसाब से डिजिटल हैं और डिजिटल तरीके से क्रियान्वयन की परिकल्पना करते हैं. डेटा प्रोटेक्शन बोर्ड खुद एक डिजिटल कार्यालय के रूप में काम करेगा और डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऐप के साथ डिजिटल रूप से सामने आएगा, जिससे नागरिक डिजिटल रूप से उससे संपर्क कर सकेंगे और अपनी शिकायतों का निपटारा बिना उनकी भौतिक उपस्थिति के कर सकेंगे.

3. मसौदा नियमों के बारे में नागरिक और हितधारक अपने विचार कैसे दे सकते हैं और नियमों को कैसे अंतिम रूप दिया जाएगा? 

लिंक पर माईगॉव (MyGov)पोर्टल के माध्यम से 18 फरवरी, 2025 तक किसी भी समय फीडबैक/टिप्पणियां प्रस्तुत की जा सकती हैं. इसके अलावा, नागरिक समाज, उद्योग और सरकारी संगठनों जैसे चिह्नित हितधारकों के साथ फीडबैक लेने के लिए संरचित संवाद भी आयोजित किया जाएगा. नियमों को अंतिम रूप देते समय सभी फीडबैक/टिप्पणियों पर विचार किया जाएगा. अंतिम अधिसूचित नियमों को संसद के समक्ष भी रखा जाएगा.

4. क्या मसौदा नियम मौजूदा डिजिटल प्रथाओं को बाधित करेंगे? क्या इस कानून की आवश्यकताओं के अनुकूल बनने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा? 

मसौदा नियमों का उद्देश्य मौजूदा डिजिटल प्रथाओं को बाधित किए बिना नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करना है. इसके अलावा, सभी संस्थाओं को इस कानून की आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से अपने सिस्टम को अनुकूलित करने के लिए पर्याप्त समय दिया जाएगा. नए कानून के लागू होने से पहले सहमति के आधार पर डिजिटल डेटा की प्रोसेसिंग की अनुमति है और नागरिकों को इस बारे में नोटिस दिए जाने तक ऐसी प्रोसेसिंग जारी रह सकती है, ताकि वे कानून के तहत अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकें. भले ही, कानून के अनुसार व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के लिए डेटा फ़िड्युसरीज पर सीधे जिम्मेदारी डाली गई हैं, लेकिन नुस्खे न्यूनतम रखे गए हैं और डिजिटल माध्यमों के माध्यम से अनुपालन को सक्षम करके अनुपालन बोझ को कम रखा गया है.

5. नागरिकों को अपने अधिकारों का प्रयोग करने के लिए कैसे सशक्त बनाया जाएगा?

संस्थाएं जहां अपने सिस्टम को अनुकूलित करने के लिए दी गई अवधि के दौरान कानून के अनुपालन के लिए खुद को तैयार करेंगी, वहीं, नागरिकों को उनके व्यक्तिगत डेटा पर उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करने के लिए व्यापक जागरूकता पहल की जाएगी. इसके अलावा, डिजिटल प्लेटफॉर्म को लोगों को अंग्रेजी या संविधान में सूचीबद्ध 22 भारतीय भाषाओं में से किसी एक में, उनकी पसंद की भाषा में सूचित करना और उनकी सहमति लेनी होगी. उन्हें अपने उपयोगकर्ताओं को उन ऑनलाइन लिंक के बारे में भी सूचित करना होगा जिनका उपयोग करके वे अपनी सहमति वापस लेने, अपने डेटा के प्रसंस्करण के बारे में जानकारी प्राप्त करने, अपने डेटा को अपडेट करने और मिटाने, शिकायत निवारण, नामांकन और डेटा सुरक्षा बोर्ड को शिकायत करने के लिए अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकते हैं.

6. बच्चों के व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण के लिए माता-पिता की सहमति के संबंध में डेटा फिड्युसरी के क्या दायित्व हैं?

डेटा फिड्युसरी को यह सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और संगठनात्मक उपाय अपनाने की आवश्यकता है कि बच्चे के व्यक्तिगत डेटा के प्रसंस्करण के लिए माता-पिता की सत्यापन योग्य सहमति प्राप्त की जाए.

7. क्या छोटी-मोटी चूक के लिए व्यवसायों को भारी जुर्माना देना होगा?

अधिनियम और नियमों के उल्लंघन के मामले में डीपीडीपी अधिनियम क्रमिक वित्तीय दंड का प्रावधान करता है. जुर्माने कीसीमा इस उल्लंघन की प्रकृति, गंभीरता, अवधि, प्रकार, दोहराव, उसे रोकने के लिए किए गए प्रयासों आदि पर निर्भर करेगी. इसके अलावा, ज्यादातर डेटा फिड्युसरी के पास अधिनियम और नियमों के तहत अधिक दायित्व हैं, जबकि स्टार्टअप के लिए कम अनुपालन बोझ की परिकल्पना की गई है. इसलिए, चूक के लिए लगाया गया कोई भी जुर्माना उचित और आनुपातिक होगा. इसके अलावा, डेटा फिड्युसरी कार्यवाही के किसी भी चरण में स्वेच्छा से डेटा सुरक्षा बोर्ड को एक वचन दे सकता है, जिसे बोर्ड द्वारा स्वीकार किए जाने पर कार्यवाही समाप्त हो जाएगी.

8. क्या व्यवसायों को केवल भारत के भीतर ही व्यक्तिगत डेटा संग्रहीत करना होगा?
 
डीपीडीपी अधिनियम और मसौदा नियम यह अनिवार्य नहीं करते हैं कि सभी व्यक्तिगत डेटा को भारत के भीतर संग्रहीत किया जाए. हालांकि, वे यह प्रावधान करते हैं कि भारत के बाहर व्यक्तिगत डेटा के हस्तांतरण को कुछ वर्गों के लिए प्रतिबंधित किया जा सकता है. मसौदा नियमों में एक समिति की परिकल्पना की गई है जो निर्दिष्ट व्यक्तिगत डेटा के संबंध में एक महत्वपूर्ण डेटा फिड्यूसरी द्वारा ऐसे हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश कर सकती है.

Source : https://www.zeebiz.com/hindi/technology/digital-personal-data-protection-rules-2025-frequently-asked-questions-faqs-released-by-government-know-details-197085

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सेबी की फटकार से Ola Electric के निवेशकों में मची भगदड़, शेयर 5% टूटकर IPO प्राइस से नीचे पहुंचा https://gstitreturn.com/%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ab%e0%a4%9f%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87-ola-electric-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%b6/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%b8%e0%a5%87%e0%a4%ac%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ab%e0%a4%9f%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%b8%e0%a5%87-ola-electric-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a5%87%e0%a4%b6/#respond Wed, 08 Jan 2025 14:13:28 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5983 ओला इलेक्ट्रिकत के शेयरों में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली. ओला के शेयर आज 5 फीसदी तक लुढ़क गए. बाजार नियामक सेबी की फटकार के बाद से   ‘ओला इलेक्ट्रिक’ के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.  ओला के शेयर आज 5 फीसदी तक गिरकर आईपीओ के रेट से भी नीचे गिर गए. […]

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ओला इलेक्ट्रिकत के शेयरों में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली. ओला के शेयर आज 5 फीसदी तक लुढ़क गए. बाजार नियामक सेबी की फटकार के बाद से   ‘ओला इलेक्ट्रिक’ के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.  ओला के शेयर आज 5 फीसदी तक गिरकर आईपीओ के रेट से भी नीचे गिर गए.

सेबी ने अपने चेतावनी पत्र में साफ कहा उपर्युक्त उल्लंघनों को बहुत गंभीरता से लिया गया है. आपको भविष्य में सावधान रहने और ऐसे मामलों को दोहराने से बचने के लिए अपने अनुपालन मानकों में सुधार करने की चेतावनी और सलाह दी जाती है, ऐसा न करने पर उचित प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की जा सकती है. बुधवार को सुबह करीब 10:13 बजे ईवी कंपनी के शेयर 4.78 प्रतिशत गिरकर 75.38 रुपये प्रति शेयर पर आ गए. इसके अलावा, दिसंबर में ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी मासिक आधार पर 5 प्रतिशत घटकर 19 प्रतिशत रह गई.  नवंबर में यह 24 प्रतिशत थी, जिससे दोपहिया ईवी सेगमेंट में ओला इलेक्ट्रिक ने अपने टॉप वन की पोजिशन को खो दिया.  

Ola Electric:  ओला इलेक्ट्रिकत के शेयरों में आज बड़ी गिरावट देखने को मिली. ओला के शेयर आज 5 फीसदी तक लुढ़क गए. बाजार नियामक सेबी की फटकार के बाद से   ‘ओला इलेक्ट्रिक’ के शेयरों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.  ओला के शेयर आज 5 फीसदी तक गिरकर आईपीओ के रेट से भी नीचे गिर गए. अगस्त 2024 में ओला के शेयर 76 रुपये के भाव पर जारी हुए थे, लेकिन आज सेबी का वार्निंग लेटर जारी होने के बाद ओला के शेयर 4,74 फीसदी गिरकर 75.41 रुपये के भाव पर गिर गए.  

सेबी की फटकार  
 
इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी ‘ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड’ को भारत बाजार नियामक से फटकार मिली है। ओला इलेक्ट्रिक ने अपनी विस्तार योजनाओं की घोषणा एक्सचेंजों पर करने की जगह पहले सोशल मीडिया पर कर दी. जिसके चलते सेबी की ओर से कंपनी को चेतावनी दी गई है. ओला इलेक्ट्रिक को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने सेबी (लिस्टिंग ऑब्लिगेशन्स एंड डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट्स) रेगुलेशन, 2015 के विभिन्न खंडों का उल्लंघन करने के लिए ईमेल के जरिए 7 जनवरी को प्रशासनिक चेतावनी भेजी थी, जिसमें एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार,  सभी निवेशकों के लिए प्रासंगिक जानकारी तक समान, समय पर, लागत-कुशल पहुंच” सुनिश्चित नहीं करने के लिए कहा गया था. सेबी ने ओला इलेक्ट्रिक को भेजे चेतावनी पत्र में कहा,  स्टॉक एक्सचेंजों पर पहले सूचना प्रसारित करने में विफल रहने और इसके बजाय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी घोषणा करने से आप सभी निवेशकों को सूचना तक समान और समय पर पहुंच प्रदान करने में असफल रहे हैं. 

ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल ने एक्स हैंडल पर 2 दिसंबर को 10 बजे से पहले एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने 20 दिसंबर तक कंपनी की बिक्री नेटवर्क को करीब चार गुना बढ़ाने की योजना साझा की थी. कंपनी ने बाद में 2 दिसंबर को दोपहर 1:30 बजे एक्सचेंजों को इसकी जानकारी दी. 

सेबी ने अपने चेतावनी पत्र में साफ कहा उपर्युक्त उल्लंघनों को बहुत गंभीरता से लिया गया है. आपको भविष्य में सावधान रहने और ऐसे मामलों को दोहराने से बचने के लिए अपने अनुपालन मानकों में सुधार करने की चेतावनी और सलाह दी जाती है, ऐसा न करने पर उचित प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की जा सकती है. बुधवार को सुबह करीब 10:13 बजे ईवी कंपनी के शेयर 4.78 प्रतिशत गिरकर 75.38 रुपये प्रति शेयर पर आ गए. इसके अलावा, दिसंबर में ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी मासिक आधार पर 5 प्रतिशत घटकर 19 प्रतिशत रह गई.  नवंबर में यह 24 प्रतिशत थी, जिससे दोपहिया ईवी सेगमेंट में ओला इलेक्ट्रिक ने अपने टॉप वन की पोजिशन को खो दिया.  

Source ; https://zeenews.india.com/hindi/business/sebi-issues-warning-letter-to-ola-electric-mobility-on-violation/2592819


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मूवी टिकट के साथ खरीदा पॉपकॉर्न तो लगेगा 6 गुना ‘लगान’, समझ लीजिए GST का सारा हिसाब-किताब https://gstitreturn.com/%e0%a4%ae%e0%a5%82%e0%a4%b5%e0%a5%80-%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%89%e0%a4%aa/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%ae%e0%a5%82%e0%a4%b5%e0%a5%80-%e0%a4%9f%e0%a4%bf%e0%a4%95%e0%a4%9f-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%a5-%e0%a4%96%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%a6%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%89%e0%a4%aa/#respond Sat, 04 Jan 2025 09:34:04 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5980 गली-मुहल्ले की रेडी पर बिकने वाला पॉपकॉर्न इन दिनों चर्चा में है. चर्चा में इसलिए क्योंकि इसपर लगे टैक्स को लेकर विवाद शुरू हो गया है. पॉपकॉर्न पर GST को लेकर ऐसा विवाद छिड़ा कि आम सा पॉपकॉर्म भी खास बन गया. बड़े-बड़े लोग इस पॉपकॉर्न को लेकर ट्वीट करने लगे. Popcorn GST: गली-मुहल्ले की […]

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गली-मुहल्ले की रेडी पर बिकने वाला पॉपकॉर्न इन दिनों चर्चा में है. चर्चा में इसलिए क्योंकि इसपर लगे टैक्स को लेकर विवाद शुरू हो गया है. पॉपकॉर्न पर GST को लेकर ऐसा विवाद छिड़ा कि आम सा पॉपकॉर्म भी खास बन गया. बड़े-बड़े लोग इस पॉपकॉर्न को लेकर ट्वीट करने लगे.

Popcorn GST: गली-मुहल्ले की रेडी पर बिकने वाला पॉपकॉर्न इन दिनों चर्चा में है. चर्चा में इसलिए क्योंकि इसपर लगे टैक्स को लेकर विवाद शुरू हो गया है. पॉपकॉर्न पर GST को लेकर ऐसा विवाद छिड़ा कि आम सा पॉपकॉर्म भी खास बन गया. बड़े-बड़े लोग इस पॉपकॉर्न को लेकर ट्वीट करने लगे. तमाम तरह की दलीलें दी जाने लगी. कुछ ने तो देश छोड़ने तक की बात कह दी.  अब जरा इस पॉपकॉर्न पर हिसाब-किताब को समझ लीजिए.  कौन सा पॉपकॉर्न सस्ता और कौन सा महंगा पड़ने वाला है ये समझ लीजिए.  

मूवी टिकट के साथ पॉपकॉर्न खरीदा तो पड़ेगा महंगा  

खुले में बिकने वाले पॉपकॉर्न पर पहले की तरह की 5 प्रतिशत की दर से GST लगता रहेगा, लेकिन अगर उसी पॉपकॉर्न को आपने मूवी टिकट के साथ बुक कर ली तो करीब 6 गुना ज्‍यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा. सिनेमाघरों, मल्‍टीप्‍लेक्‍स में मूवी देखते हुए पॉपकॉर्न खाना किसे पसंद नहीं है. अगर आप इंटरवल के बीच में जाकर पॉपकॉर्न खरीदते हैं तो 5 फीसदी की दर से ही जीएसटी टैक्स लगेगा, लेकिन अगर आपने गलती से फिल्म की टिकट के साथ ही पॉपकॉर्न खरीद लिया तो करीब 6 गुना यानी 28 फीसदी जीएसटी चुकाना होगा. मूवी टिकट के साथ पॉपकॉर्न बुक करने पर आपको 28 फीसदी टैक्स लगेगा.  दरअसल टिकट के साथ बेचे जाने वाले पॉपकॉर्न को एक कंपोजिट सप्लाई के तौर पर आंका जाता है, जिसपर टिकट की लागू दर के मुताबिक ही टैक्स लगाया जाता है. 

पॉपकॉर्न पर तीन तरह के GST 

अगर आप मॉल और मूवी थियेटर में आप खुली पैकेट में पॉपकॉर्न खरीदते हैं तो सिर्फ 5 फीसदी जीएसटी लगेगा.  नमक और मसालों  के साथ मिले पॉपकॉर्न पर भी 5 फीसदी टैक्स ही लगेगा. लेकिन अगर वहीं पॉपकॉर्न पहले से पैक और लेबल किया गया है तो उसपर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. अगर नमक की जगह पॉपकॉर्न में चीनी मिला है तो कारमेलाइज पॉपकॉर्न को चीनी कन्फेक्शनरी की तरह 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है. 

Source : https://zeenews.india.com/hindi/business/popcorn-sold-with-movie-theatres-become-more-expensive-heres-how-much-gst-you-pay-on-popcorn/2574373

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टाटा मोटर्स और महिंद्रा की तरफ से मांगा गया PLI इंसेंटिव मंजूर, दोनों कंपनियों को मिलेगा इतना क्लेम अमाउंट https://gstitreturn.com/%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95/#respond Thu, 02 Jan 2025 12:46:20 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5976 15 सितंबर, 2021 को स्वीकृत पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक इंसेंटिव डिस्बर्समेंट तय है। टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की तरफ से किए गए 246 करोड़ रुपये के पीएलआई इंसेंटिव को […]

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15 सितंबर, 2021 को स्वीकृत पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक इंसेंटिव डिस्बर्समेंट तय है।

टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की तरफ से किए गए 246 करोड़ रुपये के पीएलआई इंसेंटिव को भारी उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को मंजूर कर लिया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। पीटीआ की खबर के मुताबिक, सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कम्पोनेंट उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना का प्रावधान किया है। भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पीएलआई योजना जैसी पहलों के जरिये लोकल मैनुफैक्चरिंग को हासिल करने की दिशा में ऑटो मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है।

टाटा मोटर्स ने 142.13 करोड़ रुपये दावा प्रस्तुत किया

खबर के मुताबिक, कुमारस्वामी ने इस क्षमता को विकसित करने के लिए टाटा मोटर्स और एमएंडएम को बधाई दी और विश्वास जताया कि अधिक आवेदक पीएलआई योजना का लाभ उठाएंगे। सूत्रों के अनुसार, टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2023-24 में निर्धारित बिक्री के आधार पर लगभग 142.13 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दावा प्रस्तुत किया। टाटा मोटर्स के एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) उत्पादों की पात्र बिक्री में टियागो ईवी (इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर), स्टारबस ईवी (इलेक्ट्रिक बस) और ऐस ईवी (इलेक्ट्रिक कार्गो वाहन) शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 1,380.24 करोड़ रुपये है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा का दावा

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 800.59 करोड़ रुपये की कुल एएटी उत्पादों की निर्धारित वृद्धिशील बिक्री के आधार पर 104.08 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दावा प्रस्तुत किया, जिसमें कुल निवेश 978.30 करोड़ रुपये है। ट्रेओ, ट्रेओ ज़ोर और ज़ोर ग्रैंड सहित उनके ई3डब्ल्यू मॉडल की पात्र बिक्री 836.2 करोड़ रुपये है, जिसे ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) द्वारा जारी घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के सर्टिफिकेट द्वारा समर्थित किया गया है।

स्कीम का मकसद मैनुफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाना है

एक अधिकारी ने बताया कि टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के कुल दावे लगभग 246 करोड़ रुपये के हैं, जिनकी जांच और संस्तुति परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) द्वारा की गई है और बाद में भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस स्कीम का मकसद एएटी प्रोडक्ट्स में भारत की मैनुफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाना, लागत संबंधी कमियों को दूर करना और एक मजबूत सप्लाई चेन सेट अप करना है। 15 सितंबर, 2021 को स्वीकृत पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक इंसेंटिव डिस्बर्समेंट तय है।

Source : https://www.indiatv.in/paisa/auto/government-approves-rs-246-crore-pli-incentives-sought-by-m-m-tata-motors-2025-01-02-1102283

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अडाणी ग्रुप का बड़ा ऐलान, इस दिग्गज कंपनी में सारी हिस्सेदारी बेचकर बाहर निकलने का फैसला https://gstitreturn.com/%e0%a4%85%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%aa-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%be-%e0%a4%90%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%87/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%85%e0%a4%a1%e0%a4%be%e0%a4%a3%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%81%e0%a4%aa-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a4%be-%e0%a4%90%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%87/#respond Mon, 30 Dec 2024 15:02:00 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5966 कंपनी ने ये नहीं बताया कि वे किस भाव पर हिस्सेदारी बेच रही है। लेकिन एक अनुमान के अनुसार इस डील की वैल्यू 2 अरब डॉलर से ज्यादा होने का अनुमान है। स्टेटमेंट के अनुसार, ‘‘इस डील के साथ, अडाणी एंटरप्राइजेज अडाणी विल्मर से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी।’’ Adani Wilmar: अरबपति बिजनेसमैन गौतम अडाणी के […]

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कंपनी ने ये नहीं बताया कि वे किस भाव पर हिस्सेदारी बेच रही है। लेकिन एक अनुमान के अनुसार इस डील की वैल्यू 2 अरब डॉलर से ज्यादा होने का अनुमान है। स्टेटमेंट के अनुसार, ‘‘इस डील के साथ, अडाणी एंटरप्राइजेज अडाणी विल्मर से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी।’’

Adani Wilmar: अरबपति बिजनेसमैन गौतम अडाणी के नेतृत्व वाले अडाणी ग्रुप ने सोमवार को एक बड़ा ऐलान किया है। ग्रुप ने कहा है कि वो अपने जॉइंट वेंचर अडाणी विल्मर से बाहर निकलने जा रहे हैं। अडाणी ग्रुप, अडाणी विल्मर में अपनी पूरी हिस्सेदारी सिंगापुर की कंपनी विल्मर इंटरनेशनल और ओपन मार्केट में 2 अरब डॉलर से ज्यादा कीमत में बेच रहा है। अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने एक स्टेटमेंट में कहा कि वो विल्मर इंटरनेशनल को 31.06 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेंगे। जबकि, न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता जरूरतों को पूरा करने के लिए बाकी की 13 प्रतिशत हिस्सेदारी ओपन मार्केट में बेची जाएगी।

1 मार्च, 2025 से पहले पूरी हो जाएगी डील

हालांकि, कंपनी ने ये नहीं बताया कि वे किस भाव पर हिस्सेदारी बेच रही है। लेकिन एक अनुमान के अनुसार इस डील की वैल्यू 2 अरब डॉलर से ज्यादा होने का अनुमान है। स्टेटमेंट के अनुसार, ‘‘इस डील के साथ, अडाणी एंटरप्राइजेज अडाणी विल्मर से पूरी तरह बाहर निकल जाएगी।’’ इस डील के 31 मार्च, 2025 से पहले पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है। 

फॉर्चून के नाम से खाने की कई चीजें बेचती है कंपनी

बताते चलें कि अडाणी विल्मर देश की एक दिग्गज एफएमसीजी कंपनी है जो मुख्यत: खाद्य तेल और अन्य खाद्य सामग्रियों पर फोकस करती है। ये कंपनी फॉर्चून के नाम से सोयाबीन का तेल, सरसों का तेल, सूरजमुखी का तेल, मूंगफली का तेल, बासमती चावल, आटा, बेसन, सत्तू, सोया चंक्स, दाल, मैदा, रवा, सूजी, चीनी और पोहा बेचती है।

कई अन्य नामों से भी रोजमर्रा के अलग-अलग सामान बेचता है ये जॉइंट वेंचर

इसके अलावा, अडाणी विल्मर किंग्स आधार, राग, बुलेट, अवसर, अल्फा नाम से भी खाद्य तेल की बिक्री करती है। इसके साथ ही, ये जॉइंट वेंचर अलाइफ नाम से साबुन और हैंडवॉश के अलावा ओजेल नाम का का फ्लोर क्लीनर भी बेचता है। बताते चलें कि, कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 42,824.41 करोड़ रुपये (करीब 5 अरब डॉलर) है। 

Source ; https://www.indiatv.in/paisa/business/adani-group-s-big-announcement-decision-to-exit-by-selling-all-stake-in-adani-wilmar-2024-12-30-1101527

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पुरानी गाड़ी पर GST कैलकुलेशन को लेकर चकरा रहा है दिमाग, यहां जानिए हर सवाल का जवाब https://gstitreturn.com/%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-gst-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%b6/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%be%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-gst-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%b6/#respond Fri, 27 Dec 2024 12:27:28 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5960 पुरानी कारों पर GST की दर में वृद्धि चर्चा का विषय बनी हुई है। अगर आप भी इससे जुड़ी खबर को पढ़कर परेशान है तो हम आपकी टेंशन को खत्म करते हैं। हम इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं।सोशल मीडिया पर पुरानी गाड़ी पर GST वसूलने को लेकर कई भ्रामक खबर तैर रही […]

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पुरानी कारों पर GST की दर में वृद्धि चर्चा का विषय बनी हुई है। अगर आप भी इससे जुड़ी खबर को पढ़कर परेशान है तो हम आपकी टेंशन को खत्म करते हैं। हम इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
सोशल मीडिया पर पुरानी गाड़ी पर GST वसूलने को लेकर कई भ्रामक खबर तैर रही है। दरअसल, सोशल मीडिया पर खबर चल रही है कि अगर आप अपनी पुरानी कार नुकसान में भी बेचेंगे तो 18% जीएसटी चुकाना होगा। इस खबर को GST काउंसिल की बैठक के बाद हवा लगी है। जीएसटी काउंसिल ने यूज्‍ड और पुरानी कार पर GST की दर 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। इसके बाद तरह-तरह के मनगढ़ंत खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से पड़ोसी जा रही है। अगर आप भी उन खबरों को देखकर या पढ़कर परेशान हैं तो चलिए अब टेंशन मुक्त हो जाइए। हम आपके सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं। 

Q. क्या मुझे पुरानी कार बेचने पर जीएसटी देना होगा?

A. नहीं, अगर आप अपनी पुरानी कार किसी दूसरे व्यक्ति को बेचेंगे तो आपको जीएसटी नहीं देना होगा। 

Q. क्या 18% GST लगने के बाद पुरानी कार की कीमत बढ़ जाएगी?

A. जब खरीदार किसी व्यक्ति से पुरानी कार खरीदेगा तो बिक्री पर GST नहीं लगेगा। हालांकि, अगर वह CarDekho, OLX, शोरूम या डीलर जैसे प्लेटफ़ॉर्म से सेकंड-हैंड वाहन खरीदते हैं, तो टैक्स देना होगा। इसे उदाहरण से समझते हैं। अगर कोई पुरानी कार प्लेटफ़ॉर्म ने एक कार ₹1 लाख में कोई कार खरीदी। उसे डेंट और पेंट करने के बाद ₹1.4 लाख में बेच ​दिया तो मार्जिन पर 18 प्रतिशत GST देना होगा। यानी ₹40,000 की कमाई पर 18% जीएसटी लगेगा। पहले, मार्जिन पर 12 प्रतिशत GST लगता था। इस बढ़ोतरी से पुरानी कारों की कीमत बढ़ने की संभावना है।

Q. पुरानी इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर जीएसटी क्या लगेगा?

A. इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और एसयूवी सहित इस्तेमाल किए गए वाहनों की बिक्री पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। 

Q. 18 प्रतिशत जीएसटी करने का सबसे ज्यादा असर किस पर होगा? 

A. पुरानी कारों पर जीएसटी में 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की वृद्धि से कार डीलरों और ओल्ड कार प्लेटफ़ॉर्म पर सबसे अधिक असर पड़ने की संभावना है। 

Q. पुरानी कारों पर जीएसटी की गणना कैसे की जाती है? 

A. उदाहरण से समझते हैं। एक व्यक्ति किसी व्यक्ति को ₹10 लाख में एक पुरानी कार बेचा। उस कार का खरीद मूल्य ₹20 लाख था। आयकर अधिनियम के तहत, उसने ₹8 लाख के मूल्य ह्रास का दावा किया है। इस मामले में, उसे कोई जीएसटी नहीं देना होगा है। अगर उसने कार ₹12 लाख में खरीदी और ₹15 लाख में बेची तो जीएसटी देना होगा। इस मामले में मार्जिन, यानी ₹3 लाख पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी चुकाना होगा। 

Q. पुरानी कारों के डीलरों/व्यवसायों पर क्या होगा असर? 

A.  जीएसटी दर में बढ़ोतरी से पुरानी कारों के डीलरों के व्यवसाय पर असर पड़ने की संभावना है। जीएसटी दर में 12 प्रतिशत से 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी, यानी 50 प्रतिशत की वृद्धि, पुरानी कारों के डीलरशिप उद्योग पर बुरा असर होगा। इंडिया ब्लू बुक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुरानी कारों के डीलरों ने वित्तय वर्ष 2022-23 में लगभग 51 लाख यूनिट पुरानी कारें बेचीं, जो इसी अवधि में बेची गई 42.3 लाख नई कारों से कहीं अधिक थी। 

Source : https://www.indiatv.in/paisa/auto/confused-about-gst-calculation-on-old-vehicles-know-the-answer-to-every-question-here-2024-12-26-1100685

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GST Council Meeting: इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम से लेकर Tax स्‍लैब तक हो सकता है बड़ा फैसला, इस बार की मीट‍िंग में क्‍या खास? https://gstitreturn.com/gst-council-meeting-%e0%a4%87%e0%a4%82%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%af/ https://gstitreturn.com/gst-council-meeting-%e0%a4%87%e0%a4%82%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%af/#respond Mon, 23 Dec 2024 12:30:12 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5957 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंस‍िल की 55वीं बैठक में 148 वस्तुओं में टैक्‍स रेट में बदलाव पर चर्चा होने की संभावना है. इसके अलावा, एयरलाइन इंडस्‍ट्री के ल‍िए एटीएफ (ATF) को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने पर बातचीत की जाएगी. GST Council 55th Meeting: जीएसटी काउंस‍िल की 55वीं मीट‍िंग […]

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंस‍िल की 55वीं बैठक में 148 वस्तुओं में टैक्‍स रेट में बदलाव पर चर्चा होने की संभावना है. इसके अलावा, एयरलाइन इंडस्‍ट्री के ल‍िए एटीएफ (ATF) को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने पर बातचीत की जाएगी.

GST Council 55th Meeting: जीएसटी काउंस‍िल की 55वीं मीट‍िंग 20 और 21 द‍िसंबर को जैसलमेर में हो रही है. पहली बार जैसलमेर में हो रही मीट‍िंग में राजस्थान के शाही पकवानों से मेहमानों की खात‍िर की जा रही है. जैसलमेर के होटल मैरियट में दो द‍िन तक चलने वाली जीएसटी काउंस‍िल की मीट‍िंग में बाजरे और रागी की डिश पर फोकस है. इस बार की मीट‍िंग इसल‍िए भी खास है क्‍योंक‍ि इस दौरान लाइफ और हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर टैक्‍स की दर कम करने, महंगी कलाई घड़ियों, जूतों और कपड़ों पर टैक्‍स की दर बढ़ाने पर व‍िचार क‍िया जा सकता है.

मंत्रियों की एक समिति का गठन किया
सूत्रों के अनुसार, फिटमेंट कमेटी ने यूज्‍ड इलेक्ट्रिक गाड़ियों के अलावा छोटे पेट्रोल और डीजल वाहनों की बिक्री पर मौजूदा 12 से 18 प्रतिशत तक की दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. इस बढ़ोतरी से पुरानी छोटी कारें और इलेक्ट्रिक वाहन पुराने बड़े वाहनों के बराबर हो जाएंगे. इसके अलावा, जीओएम (GoM) को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए जून 2025 तक छह महीने का विस्तार मिलने की संभावना है. क्षतिपूर्ति उपकर व्यवस्था मार्च 2026 में समाप्त हो जाएगी और जीएसटी परिषद ने उपकर के भविष्य के पाठ को तय करने के लिए केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में मंत्रियों की एक समिति का गठन किया है.

हेल्‍थ और लाइफ इंश्‍योरेंस पर जीएसटी रेट तय करना है
जीएसटी स‍िस्‍टम में अहितकर वस्तुओं पर 28 प्रतिशत टैक्‍स के अलावा अलग-अलग दर पर कम्‍पनसेशन सेस लगाया जाता है. मीट‍िंग में प्रमुख मामला हेल्‍थ इंश्‍योरेंस और लाइफ इंश्‍योरेंस पर जीएसटी रेट तय करना है. बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में काउंस‍िल की तरफ से गठित जीओएम ने नवंबर में अपनी बैठक में टर्म लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए भुगतान किए जाने वाले बीमा प्रीमियम को जीएसटी से छूट देने पर सहमति जताई थी. इसके अलावा वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य बीमा ‘कवर’ के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को भी कर से छूट देने का प्रस्ताव किया गया है.

वरिष्ठ नागरिकों के अलावा अन्य व्यक्तियों द्वारा 5 लाख रुपये तक के हेल्‍थ इंश्‍योरेंस के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का भी प्रस्ताव है. मंत्रियों के समूह ने परिधानों पर कर दरों को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव भी रखा. उन्होंने 1,500 रुपये तक की लागत वाले तैयार कपड़ों पर पांच प्रतिशत जीएसटी जबकि 1500 रुपये से 10000 रुपये तक की लागत वाले कपड़ों पर 18 प्रतिशत जीएसटी का प्रस्ताव रखा है. वहीं 10,000 रुपये से अधिक कीमत वाले परिधानों पर 28 प्रतिशत कर लगेगा. (इनपुट भाषा) 

SOURCE : https://zeenews.india.com/hindi/business/gst-council-meeting-big-expectation-from-health-insurance-to-tax-slab/2567021

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इनकम बढ़ी तो उस पैसे को SIP में डालें या EMI बढ़ाएं, जानें क्या करना फायदेमंद? https://gstitreturn.com/%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a4%a2%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%89%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%8b-sip-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%87%e0%a4%a8%e0%a4%95%e0%a4%ae-%e0%a4%ac%e0%a4%a2%e0%a4%bc%e0%a5%80-%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%89%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%88%e0%a4%b8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%8b-sip-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82/#respond Mon, 09 Dec 2024 07:03:35 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5949 लोन चुकाने और वेल्थ क्रिएशन के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। इस स्थिति में किसी व्यक्ति के लिए, एक संयुक्त रणनीति सबसे बेहतर काम कर सकती है। लोन को व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करने के लिए नियमित ईएमआई जारी रखें। वहीं, वेल्थ् क्रिएशन के लिए एक्स्ट्रा पैसे को एसआईपी में निवेश करें। अगर आपकी मंथली इकनम […]

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लोन चुकाने और वेल्थ क्रिएशन के बीच संतुलन बनाना महत्वपूर्ण है। इस स्थिति में किसी व्यक्ति के लिए, एक संयुक्त रणनीति सबसे बेहतर काम कर सकती है। लोन को व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करने के लिए नियमित ईएमआई जारी रखें। वहीं, वेल्थ् क्रिएशन के लिए एक्स्ट्रा पैसे को एसआईपी में निवेश करें।

अगर आपकी मंथली इकनम बढ़ गई तो आप अपनी वित्तीय स्थिति को और बेहतर तरीके से मजबूत बना सकते हैं। इनकम बढ़ने के साथ ही आपकी बचत बढ़ेगी। आपके हाथ में ज्यादा पैसा आएगा। अब सवाल यह है कि जो पैसा आ रहा है, उसको सिप में डालें या होम लोन की ईएमआई को बढ़ा दें, जिससे कर्ज जल्द खत्म हो जाएं। आइए इस अहम सवाल का जवाब हम देते हैं। 

विकल्प 1: समय से पहले लोन चुकाना

फायदे:

  •  लंबी अवधि के कर्ज से जुड़े वित्तीय तनाव में कमी।
  •  लोन जल्द खत्म होने से ब्याज की रकम में बड़ी बचत।

नुकसान:

  • होम लोन जल्द बंद होने से इनकम टैक्स छूट में मिल रहा लाभ बंद हो जाता है। 
  • निवेश से संभावित उच्च रिटर्न के अवसर चूक जाते हैं।
  • भविष्य की वित्तीय आपात स्थितियों या लक्ष्यों के लिए फंड जमा नहीं कर पाते।

विकल्प 2: पैसे को एसआईपी में निवेश करें

फायदे:

  •  आपातकालीन या अन्य वित्तीय जरूरतों के लिए प्रर्याप्त फंड।
  •  पूर्व भुगतान द्वारा बचाए गए ब्याज की तुलना में चक्रवृद्धि ब्याज से काफी अधिक रिटर्न।
  • इक्विटी बाजारों में धन का विविधीकरण, मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव प्रदान करता है।

नुकसान:

  • रिटर्न बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है, जो जोखिम है।
  • बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान अपनी निवेश योजना पर टिके रहने के लिए धैर्य और अनुशासन की आवश्यकता होती है।
  • इसलिए, किसी को दोनों विकल्पों पर सावधानीपूर्वक विचार करना चाहिए।

संतुलित रवैया अपनाएं 

लोन को दुश्मन नहीं मनना चाहिए। लोन चुकाने और धन सृजन के बीच संतुलित रवैया अपनाना चाहिए। लिक्विडिटी, रिटर्न और जोखिम का आकलन करते हुए फाइनेंशियल प्लानिंग करनी चाहिए। आप एक ऐसा रास्ता चुन सकते हैं जो मन की शांति और दीर्घकालिक समृद्धि दोनों सुनिश्चित करता है। वित्तीय चुनौतियों को विकास के अवसरों में बदलने के लिए अनुशासन और कंपाउंडिंग की शक्ति का उपयोग करें।

Source: https://www.indiatv.in/paisa/my-profit/if-income-increases-invest-that-money-in-sip-or-increase-emi-know-what-is-beneficial-2024-12-09-1096650

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GST: 25000 दुकान का किराया, 4500 देनी होगी जीएसटी; कांग्रेस लीडर ने उठाया मुद्दा https://gstitreturn.com/gst-25000-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-4500-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%8b/ https://gstitreturn.com/gst-25000-%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-4500-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%b9%e0%a5%8b/#respond Sat, 07 Dec 2024 06:51:02 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5945 GST: किराए की दुकान पर सरकार ने जीएसटी लगाई है. जिसके बाद कांग्रेस लीडर मणिकम टैगोर ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि इससे बिजनेसमैन पर काफी असर पड़ने वाला है. GST: कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार से दुकानों के किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने […]

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GST: किराए की दुकान पर सरकार ने जीएसटी लगाई है. जिसके बाद कांग्रेस लीडर मणिकम टैगोर ने सवाल उठाया है. उनका कहना है कि इससे बिजनेसमैन पर काफी असर पड़ने वाला है.

GST: कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश कर केंद्र सरकार से दुकानों के किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने के अपने फैसले पर दोबारा सोचने की गुजारिश की है.

अपने नोटिस में कांग्रेस लीडर ने क्या कहा?

अपने नोटिस में टैगोर ने केंद्र सरकार के जरिए दुकान किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने के फैसले की निंदा की. उनका कहना है कि इससे छोटे व्यवसाय और उद्यमी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. उन्होंने कहा, “मैं सदन की कार्यवाही स्थगित करने के लिए एक प्रस्ताव लाने की अनुमति मांगने के अपने इरादे की सूचना देता हूं, ताकि तत्काल महत्व के एक निश्चित मामले पर चर्चा की जा सके.”

इस फैसले से पड़ेगा ये असर

उन्होंने कहा,”अध्यक्ष महोदय, मैं मोदी सरकार के जरिए दुकानों के किराये पर 18 प्रतिशत जीएसटी कर लगाने के निर्णय की कड़ी निंदा करता हूं, जिससे छोटे व्यवसाय और उद्यमी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इस प्रतिगामी कदम से दुकान मालिकों की लागत बढ़ेगी, जिससे उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी और मुद्रास्फीति बढ़ेगी.”

25000 किराए पर 4500 जीएसटी

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के एक सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि 72 प्रतिशत दुकानदारों ने लागत बढ़ने के कारण बिक्री में गिरावट की बात कही है. उन्होंने कहा, “कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के एक सर्वे के अनुसार, 72 प्रतिशत दुकानदारों ने लागत बढ़ने के कारण बिक्री में गिरावट की बात कही है. भारत में एक दुकान का औसत मासिक किराया 25,000 रुपये है और 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ, दुकानदारों को प्रति माह अतिरिक्त 4,500 रुपये का भुगतान करना होगा, जिससे दुकान चलाने की लागत में 18 फीसद का इजाफा होगा.

टैगोर ने सरकार से इस फैसले पर दोबारा सोचने करने और वैकल्पिक उपाय तलाशने की गुजारिश की है. उन्होंने कहा, “हम सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने और छोटे व्यवसायों को समर्थन देने तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वैकल्पिक उपाय तलाशने की गुजारिश करते हैं.”

Source: https://zeenews.india.com/hindi/zeesalaam/news/gst-on-rent-shops-is-18-percent-issue-raised-by-congress-leader/2543042

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