Blogs - Gst It Return https://gstitreturn.com/category/blogs/ Lets Discuss Tax in India... Fri, 22 Nov 2024 05:37:04 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://gstitreturn.com/wp-content/uploads/2022/05/cssf-100x100.png Blogs - Gst It Return https://gstitreturn.com/category/blogs/ 32 32 Gautam Adani की दौलत में जबरदस्त गिरावट, 1 ही दिन में 20% https://gstitreturn.com/gautam-adani-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%8c%e0%a4%b2%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be/ https://gstitreturn.com/gautam-adani-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%a6%e0%a5%8c%e0%a4%b2%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%9c%e0%a4%ac%e0%a4%b0%e0%a4%a6%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0%e0%a4%be/#respond Fri, 22 Nov 2024 05:36:58 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5921 Gautam Adani Net Worth : गौतम अडानी की नेटवर्थ में अमेरिका में लगे आरोपों के चलते 21.21% फीसदी की गिरावट आ चुकी है। उनकी नेटवर्थ 14.8 अरब डॉलर (1,25,045 करोड़ रुपये) गिर चुकी है।अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। अडानी ग्रुप पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गये […]

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Gautam Adani Net Worth : गौतम अडानी की नेटवर्थ में अमेरिका में लगे आरोपों के चलते 21.21% फीसदी की गिरावट आ चुकी है। उनकी नेटवर्थ 14.8 अरब डॉलर (1,25,045 करोड़ रुपये) गिर चुकी है।
अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई है। अडानी ग्रुप पर अमेरिकी अभियोजकों द्वारा लगाए गये आरोपों के बाद से गौतम अडानी को लगातार नुकसान हो रहा है। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर करीब 28% तक टूट चुके हैं। गुरुवार के बाद आज शुक्रवार को भी शेयरों में जबरदस्त बिकवाली देखी जा रही है। इसका सीधा असर गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी हुआ है। उनकी नेटवर्थ 20% से अधिक गिर गई है। ऐसे में उनसे अब भारत और एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति का दर्जा भी छिन गया है।

1,25,045 करोड़ रुपये का नुकसान

फोर्ब्स रियलटाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के अनुसार, गौतम अडानी की नेटवर्थ में अमेरिका में लगे आरोपों के चलते 21.21% की गिरावट आ चुकी है। फोर्ब्स रियलटाइम बिलियनेयर्स लिस्ट के डेटा के अनुसार, शुक्रवार सुबह 10 बजकर 50 मिनट तक नेटवर्थ 14.8 अरब डॉलर (1,25,045 करोड़ रुपये) गिर चुकी थी। इससे गौतम अडानी की नेटवर्थ अब 55 अरब डॉलर ही रह गई है। नेटवर्थ में इस गिरावट से गौतम अडानी दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में काफी नीचे आ गये हैं। वे इस लिस्ट में 27 वें स्थान पर आ गये हैं। पहले वे इस लिस्ट में 18वें स्थान पर थे।

अब मुकेश अंबानी हैं भारत के सबसे अमीर व्यक्ति

गौतम अडानी पहले भारत के सबसे अमीर व्यक्ति थे। यह दर्जा अब रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के पास वापस आ गया है। मुकेश अंबानी इस समय 97.6 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ दुनिया के 18वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।

गौतम अडानी पर क्या लगे हैं आरोप

उद्योगपति गौतम अडानी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है। अमेरिकी अभियोजकों ने अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य पर सौर ऊर्जा अनुबंध हासिल करने के लिए 2020 से 2024 के बीच भारतीय सरकारी अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर से अधिक की रिश्वत देने का आरोप लगाया। एक अनुमान के अनुसार इससे समूह को संभावित रूप से दो अरब डॉलर से अधिक का लाभ हो सकता है। हालांकि, अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

Source : https://www.indiatv.in/paisa/business/gautam-adani-net-worth-declined-by-almost-20-percent-in-just-one-day-2024-11-22-1092485

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गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है, जानें वजह https://gstitreturn.com/%e0%a4%97%e0%a4%a3%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%9a%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5-10-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8b/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%97%e0%a4%a3%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%9a%e0%a4%a4%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b5-10-%e0%a4%a6%e0%a4%bf%e0%a4%a8%e0%a5%8b/#respond Sat, 07 Sep 2024 05:35:24 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5825 हिंदू धर्म में गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है. जानते हैं आखिर क्या वजह है कि इस पर्व को 10 दिनों तक मनाया जाता है. हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) का पर्व बहुत महत्व है. इस विशेष पर्व को भगवान गणेश (Lord Ganesha) के जन्म उत्सव के रुप […]

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हिंदू धर्म में गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है. जानते हैं आखिर क्या वजह है कि इस पर्व को 10 दिनों तक मनाया जाता है.

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi 2024) का पर्व बहुत महत्व है. इस विशेष पर्व को भगवान गणेश (Lord Ganesha) के जन्म उत्सव के रुप में मनाया जाता है. ज्ञान और बुद्धि के देवता श्री गणेश के लिए भाद्रपद माह (Bhadrapad Month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था. लेकिन इस पर्व को अगले 10 दिनों तक मनाया जाता है. जानते हैं आखिर गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है और क्या है इसकी वजह.

10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है गणेश उत्सव?

ऐसी मान्यता है कि वेदव्यास जी ने भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की. भगवान गणेश ने बिना रुके 10 दिनों तक महाभारत लिखी. इस दौरान एक ही स्थान पर लगातार लेखन करने के कारण गणेश जी के शरीर पर धूल और मिट्टी जम गई और 10वें दिन गणेश जी ने सरस्वती नदी में स्नान करके शरीर पर जमी धूल और मिट्टी को साफ किया, तभी से गणेश उत्सव के 10 वें दिन गणेश जी की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है.

एक और मान्यता के मुताबिक इन 10 दिनों में भगवान गणेश पृथ्वी पर यात्रा करते हैं, जहां उनके भक्त उनका स्वागत करते हैं और उन्हें अपने घर में आमंत्रित करते हैं.  इस दौरान घरों में और सावर्जनिक स्थानों पर उनकी प्रतिमा की स्थापना की जाती है. दसवें दिन यानि अंनत चतुर्दशी के दिन इस पर्व का समापन होता है, गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है और उन्हें भक्त विदाई देते हैं और अगले साल आने के लिए आशीर्वाद मांगते हैं.

कैसे हुई थी गणेश जी की उत्पत्ति?
भगवान श्री गणेश जी का जन्म मां पार्वती के शरीर की  मैल से हुआ था. उन्होंने मूर्ति में प्राण फूंक दिए और गणेश को अपने कक्ष की रखवाली करने का काम सौंपा था. जब देवी पार्वती के पति भगवान शिव ने कक्ष में प्रवेश करने का प्रयास किया, तो शिव की पहचान से अनजान गणेश ने उनका रास्ता रोक दिया. भगवान शिव ने  क्रोधित होकरगणेश का सिर काट दिया, दुःखी मां ने शिव जी से पुत्र को जीवित करने की विनती की, शिव जी ने गणेश जी के सिर की जगह हाथी का सिर लगा दिया और उन्हें नया जीवन मिला.

Source : https://www.abplive.com/lifestyle/religion/ganesh-chaturthi-2024-why-festival-of-ganesh-utsav-is-celebrated-for-10-days-know-the-reason-2775820

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GST परिषद की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के टैक्सेशन पर होगी चर्चा https://gstitreturn.com/gst-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b7%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%a0%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%91%e0%a4%a8%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a8-%e0%a4%97/ https://gstitreturn.com/gst-%e0%a4%aa%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%b7%e0%a4%a6-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%a0%e0%a4%95-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%91%e0%a4%a8%e0%a4%b2%e0%a4%be%e0%a4%87%e0%a4%a8-%e0%a4%97/#respond Tue, 03 Sep 2024 06:07:47 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5819 जीएसटी परिषद ने अगस्त, 2023 में अपनी बैठक में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग मंचों को 28 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। बाद में कराधान प्रावधान को स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन किया गया था।GST परिषद की 54वीं बैठक नौ सितंबर को होगी। इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्सेशन […]

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जीएसटी परिषद ने अगस्त, 2023 में अपनी बैठक में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग मंचों को 28 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। बाद में कराधान प्रावधान को स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन किया गया था।
GST परिषद की 54वीं बैठक नौ सितंबर को होगी। इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्सेशन के मामले में चर्चा हो सकती है। इसके अलावा फर्जी माल एवं सेवा कर पंजीकरण के खिलाफ जारी अभियान की प्रगति पर भी विचार किये जाने की उम्मीद है। सूत्रों ने यह जानकारी दी। परिषद जीएसटी कानून में संशोधनों को प्रभावी बनाने के लिए अधिसूचनाओं को भी मंजूरी देगी। केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली परिषद में राज्यों के वित्त मंत्री शामिल हैं। इसमें दो मंत्री समूहों (जीओएम) की रिपोर्ट पर भी चर्चा होगी। इसमें एक दरों को युक्तिसंगत बनाने और दूसरा रियल एस्टेट से जुड़ा है। 

‘स्थिति रिपोर्ट’ पेश करेंगे अधिकारी

ऑनलाइन गेमिंग के संबंध में केंद्र और राज्य कर अधिकारी जीएसटी परिषद के समक्ष ‘स्थिति रिपोर्ट’ पेश करेंगे। रिपोर्ट में एक अक्टूबर, 2023 से पहले और बाद में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र से होने वाले जीएसटी राजस्व संग्रह का ब्योरा शामिल होगा। ऑनलाइन गेमिंग मंच और कसीनो पर एक अक्टूबर, 2023 से प्रवेश स्तर के दांव पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाया गया। इससे पहले, कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां यह तर्क देते हुए 28 प्रतिशत जीएसटी का भुगतान नहीं कर रही थीं कि कौशल आधारित और किस्मत आधारित खेलों के लिए कर की दरें अलग-अलग थीं। 

छह महीने बाद समीक्षा की बात कही गई थी 

जीएसटी परिषद ने अगस्त, 2023 में अपनी बैठक में स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन गेमिंग मंचों को 28 प्रतिशत कर का भुगतान करना होगा। बाद में कराधान प्रावधान को स्पष्ट करने के लिए केंद्रीय जीएसटी कानून में संशोधन किया गया था। विदेशी गेमिंग मंचों को भी जीएसटी अधिकारियों के पास पंजीकरण करना और करों का भुगतान करना अनिवार्य किया गया। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो सरकार वैसी साइट को ब्लॉक कर देगी। परिषद ने तब निर्णय लिया था कि इसके क्रियान्वयन के छह महीने बाद ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र पर कराधान की समीक्षा की जाएगी। सूत्रों ने कहा कि परिषद क्षेत्र पर कराधान की स्थिति पर विचार-विमर्श करेगी और कर दरों में किसी प्रकार के बदलाव की संभावना नहीं है। 

Source : https://www.indiatv.in/paisa/business/taxation-of-online-gaming-companies-will-be-discussed-in-the-gst-council-meeting-these-issues-are-also-included-in-the-agenda-2024-09-02-1072337

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LIC और जोमैटो, क‍िस कंपनी को क‍ितने का नोट‍िस म‍िला और क्‍यों? https://gstitreturn.com/lic-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%ae%e0%a5%88%e0%a4%9f%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95/ https://gstitreturn.com/lic-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%9c%e0%a5%8b%e0%a4%ae%e0%a5%88%e0%a4%9f%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a4%bf%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8b-%e0%a4%95/#respond Sat, 31 Aug 2024 05:58:13 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5808 Zomato GST Notice: इंश्‍योरेंस सेक्‍टर की दिग्गज कंपनी एलआईसी ने कहा कि उसकी वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इससे पहले भी कई कंपन‍ियों को जीएसटी की तरफ से टैक्‍स को लेकर नोट‍िस भेजा जा चुका है. LIC GST Notice: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और जोमैटो (Zomato) से […]

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Zomato GST Notice: इंश्‍योरेंस सेक्‍टर की दिग्गज कंपनी एलआईसी ने कहा कि उसकी वित्तीय स्थिति, परिचालन या अन्य गतिविधियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. इससे पहले भी कई कंपन‍ियों को जीएसटी की तरफ से टैक्‍स को लेकर नोट‍िस भेजा जा चुका है.

LIC GST Notice: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और जोमैटो (Zomato) से को जीएसटी का नोट‍िस म‍िला है. एलआईसी को टैक्‍स अधिकारियों से वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीएसटी का कम भुगतान करने पर 605.58 करोड़ रुपये की मांग को लेकर नोटिस मिला है. एलआईसी (LIC) ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा क‍ि उसे महाराष्ट्र जीएसटी प्राधिकरण से टैक्‍स समेत ब्याज और जुर्माने के लिए नोटिस मिला है. इंश्‍योरेंस कंपनी ने कहा कि आदेश के विरुद्ध मुंबई स्थित राज्य कर (अपील) के संयुक्त आयुक्त के समक्ष अपील की जा सकती है.

जोमैटो को 4.59 करोड़ का नोट‍िस
इसके अलवा ऑनलाइन खाना ड‍िलीवर करने वाले प्‍लेटफॉर्म जोमैटो को तमिलनाडु और वेस्‍ट बंगाल के जीएसटी प्राधिकरण से जुर्माना और ब्याज समेत 4.59 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की मांग को लेकर नोटिस मिला है. कंपनी ने कहा कि वह तमिलनाडु के नुंगमबक्कम खंड के जीएसटी और केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में सहायक आयुक्त और पश्‍च‍िम बंगाल के राजस्व विभाग के सहायक आयुक्त द्वारा पारित मांग आदेशों के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है.

तमिलनाडु कर प्राधिकरण ने केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 और तमिलनाडु माल और सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 73 के तहत 81,16,518 रुपये के जीएसटी के लिए लागू ब्याज (मात्रा निर्धारित नहीं) और 8,21,290 रुपये के जुर्माने के साथ आदेश पारित किया. इस बीच, पश्‍च‍िम बंगाल प्राधिकरण ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 73 और पश्‍च‍िम बंगाल वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के तहत 1,92,43,792 रुपये के जीएसटी, 1,58,12,070 रुपये के ब्याज और 19,24,379 रुपये के जुर्माने के को लेकर आदेश पारित किया.

जोमैटो ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि उसने अपने पक्ष में जरूरी दस्तावेज भी सौंपे. लेकिन ‘ऐसा लगता है कि आदेश पारित करते समय प्राधिकारियों ने इस बात को ध्यान में नहीं रखा.’ जोमैटो ने कहा, ‘कंपनी का मानना ​​है कि संबंधित अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष मामले का बचाव करने के लिए उसके पास मजबूत मामला है और कंपनी पर इसका किसी भी वित्तीय प्रभाव की संभावना नहीं है.

Source : https://zeenews.india.com/hindi/business/lic-and-zomato-gets-gst-demand/2406292

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जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है, जानिए इस त्योहार का महत्व और इतिहास https://gstitreturn.com/%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%9c%e0%a4%be/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%8d%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a4%ae%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%ae%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%88-%e0%a4%9c%e0%a4%be/#respond Mon, 26 Aug 2024 06:07:10 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5803 जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण ने देवकी की कोख से उनकी आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था। कंश के कारगार में जन्म लेने के बाद उनके पिता वासुदेव उनके गोकुल में नंद […]

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जन्माष्टमी क्यों मनाई जाती है

जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु के आठवें अवतार कृष्ण ने देवकी की कोख से उनकी आठवीं संतान के रूप में जन्म लिया था। कंश के कारगार में जन्म लेने के बाद उनके पिता वासुदेव उनके गोकुल में नंद बाबा के यहां छोड़ आए थे। कृष्ण का सारा बचपन नंद गांव में बिता। कृष्ण ने कंश के अत्याचारों से संसार को मुक्ति कराने के लिए इस धरती पर जन्म लिया था। कृष्ण के जन्म से पूरी गोकुल नगरी में उत्साह की लहर दौड़ गई थी। हर साल कृ्ष्ण जन्म उत्सव को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

जन्माष्टमी का इतिहास

जन्माष्टमी का त्योहार सदियों से मनाया जा रहा है। ये पर्व हर साल बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कंस के अत्याचारों से धरती को मुक्त कराने के लिए भगवान विष्णु ने द्वापर युग में भाद्रपद महीने की अष्टमी तिथि पर कृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से जन्म लिया। कृष्ण के जन्म से लोक परलोक दोनों ही प्रसन्न हो गए थे। इस कारण कृष्म के जन्म के रूप में जन्माष्टमी का प्रव भादव महीने की अष्टमी तिथि को मनाया जानें लगा।

कृष्ण जन्माष्टमी महत्व

हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी के त्योहार का बहुत ही विशेष महत्व है। इस दिन भगवान कृष्ण की विधिवत पूजा की जाती है। जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर भगवान कृष्ण के बाल रूप की पूजा की जाती है। इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से और व्रत करने से साधक को संतान सुख की प्राप्ति होती है और इसके साथ ही उनकी सारी मनोकामना की पूर्ति होती है। जन्माष्टमी के दिन मध्यरात्रि में भगवान कृ्ष्ण के मंदिरों में विशेष पूजा- अर्चना की जाती है। जन्माष्टमी के दिन बहुत सारी जगहों पर दही हांडी का भी कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। इसके साथ ही कृष्ण की बाल लीलाओं का भी आयोजन किया जाता है।

Source : https://www.timesnowhindi.com/spirituality/krishna-janmashtami-2024-significance-importance-history-and-mahatva-in-hindi-krishna-janmashtami-kyu-manai-jati-hai-why-krishna-janmashtami-celebrated-why-we-celebrate-janmashtami-article-112741784

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इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम पर GST लगेगा या हटेगा, कैसे शुरू हुई मांग? https://gstitreturn.com/%e0%a4%87%e0%a4%82%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a4%b0/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%87%e0%a4%82%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%82%e0%a4%b8-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%ae%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%ae-%e0%a4%aa%e0%a4%b0/#respond Sat, 24 Aug 2024 09:13:43 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5797  केंद्रीय मंत्री न‍ित‍िन गडकरी ने सबसे पहले व‍ित्‍त मंत्री को च‍िट्ठी ल‍िखकर इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियमर पर लगने वाले 18 प्रत‍िशत जीएसटी को हटाने की मांग की थी. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद व‍ित्‍त मंत्री ने इससे जुड़े सवालों का जवाब संसद में द‍िया था. GST Council Meeting: प‍िछले द‍िनों न‍ित‍िन गडकरी ने व‍ित्‍त मंत्री […]

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 केंद्रीय मंत्री न‍ित‍िन गडकरी ने सबसे पहले व‍ित्‍त मंत्री को च‍िट्ठी ल‍िखकर इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियमर पर लगने वाले 18 प्रत‍िशत जीएसटी को हटाने की मांग की थी. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद व‍ित्‍त मंत्री ने इससे जुड़े सवालों का जवाब संसद में द‍िया था.

GST Council Meeting: प‍िछले द‍िनों न‍ित‍िन गडकरी ने व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण को च‍िट्ठी ल‍िखकर हेल्‍थ और लाइफ इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम से जीएसटी हटाने की अपील की थी. इसके बाद ममता बनर्जी और व‍िपक्षी सांसदों ने भी इंश्‍योरेंस प्रीम‍ियम को जीएसटी दायरे से अलग करने की मांग की थी. व‍ित्‍त मंत्री ने प‍िछले द‍िनों संसद में भी इस पर क‍िये गए सवाल का जवाब द‍िया था. उन्‍होंने कहा था इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी के बारे में चर्चा जीएसटी काउंस‍िल करेगी. इसके बाद अब खबर आ रही है कि जीएसटी काउंस‍िल की तरफ से 8 और 9 सितंबर को बैठक की जाएगी और इस मामले को लेकर चर्चा की जाएगी. इसके अलावा, काउंस‍िल टैक्‍स की दर को सही करने की भी समीक्षा करेगी.

वित्त मंत्री की अध्यक्षता में होगी जीएसटी काउंस‍िल की मीट‍िंग

बैठक का आयोजन उस समय होगा जब फिटमेंट कमेटी और लॉ कमेटी (केंद्र और राज्यों के अधिकारियों वाली काउंस‍िल की सब-कमेटी) अपनी मीट‍िंग कर लेंगी. अलग-अलग पक्षों से मिले सुझाव के आधार पर ये कमेटियां अलग-अलग प्रस्तावों की तैयारी करेंगी. इन प्रस्‍तावों को काउंस‍िल के सामने पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली और राज्यों के मंत्रियों से बनी जीएसटी काउंस‍िल केंद्र, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा लागू किए जाने वाले सुझाव देगी.

बैठक को लेकर एजेंडा अभी तय नहीं क‍िया गया
हालांकि बैठक को लेकर एजेंडा अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन कुछ मुद्दों पर जरूर चर्चा होगी. ऐसा ही एक मामला इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी को लेकर है. यह अब एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है. बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष की तरफ से यह मामला उठाया गया था. इस पर जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा था कि जीएसटी लागू होने से पहले भी राज्यों ने इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर टैक्स लगाया था.

18% जीएसटी का आधा हिस्सा राज्यों को जाता है
उन्‍होंने कहा था मेडिकल इंश्योरेंस प्रीम‍ियम पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी में से करीब आधा हिस्सा सीधे राज्यों को जाता है. बचे हुए आधे हिस्से में से भी 41 प्रतिशत डिवोल्यूशन पूल में जाता है, जो कि राज्यों को ही मिलता है. इसका मतलब साफ है क‍ि हर 100 रुपये में से 74 रुपये से ज्यादा राज्यों को मिलते हैं. उन्होंने यह जानकारी देने के साथ इस आरोप को स‍िरे से खारिज क‍िया क‍ि जीएसटी से इकट्ठा किया गया पैसा केंद्र सरकार अपने पास रखती है.

GST पर फैसला करने के ल‍िए संसद सही जगह नहीं
वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी पर फैसला करने के ल‍िए संसद सही जगह नहीं है, बल्कि इसके ल‍िए जीएसटी काउंस‍िल सही जगह है. सीतारमण ने कहा कि इंश्‍योरेंस के मामले पर जीएसटी काउंस‍िल तीन बार चर्चा कर चुकी है, लेक‍िन फिर भी यह बहस बार-बार सामने आती रहती है. एक और प्रमुख एजेंडा ज‍िस पर काउंस‍िल की मीट‍िंग के दौरान चर्चा हो सकती है, वो यह क‍ि टैक्‍स की दर को सही करना. जून में हुई पिछली काउंस‍िल की बैठक के अंत में सीतारमण ने कहा था कि मंत्री ग्रुप (GOM) अब तक हुई दरों को सही करने पर स्थिति रिपोर्ट पेश करेगा.

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जीओएम के संयोजक हैं, जो टैक्‍स की दर को सही करने के लिए सिफारिशें देने के लिए जिम्मेदार हैं. सात सदस्यीय पैनल को टैक्‍स की दर को सही करने और उल्टे टैक्‍स स‍िस्‍टम को सुधारने का सुझाव देने का काम सौंपा गया है ताकि टैक्‍स ढांचे को आसान बनाया जा सके. जीएसटी छूट की ल‍िस्‍ट की समीक्षा की जा सके और जीएसटी से होने वाली आमदनी में इजाफा क‍िया जा सके.

बैठक में इंफोसिस को 32,000 करोड़ रुपये और 10 विदेशी एयरलाइंस को लगभग 10,000 करोड़ रुपये का जीएसटी भुगतान के लिए नोटिस जारी करने पर भी चर्चा होने की उम्मीद है. हालांकि, इंफोसिस ने कहा है कि महानिदेशालय, जीएसटी खुफिया विभाग (DGGI) ने वित्तीय वर्ष 2018 के लिए 3,898 करोड़ रुपये के पूर्व नोटिस की कार्यवाही को वापस ले ल‍िया है.

Source : https://zeenews.india.com/hindi/business/gst-on-insurance-premium-matter-may-discuss-in-gst-council-meeting-on-sept-8-and-9/2383102

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टैक्स चोरी करने वालों के लिए क्या बोले CBIC चेयरमैन https://gstitreturn.com/%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%9a%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2/#respond Thu, 22 Aug 2024 05:14:19 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5793 संजय मल्होत्रा ने राज्य और केंद्रीय जीएसटी स्ट्रक्चर से जुड़े प्रवर्तन प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के सरगना और लाभार्थियों पर नजर रखने की भी आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जा सके। टैक्स की चोरी सिर्फ […]

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संजय मल्होत्रा ने राज्य और केंद्रीय जीएसटी स्ट्रक्चर से जुड़े प्रवर्तन प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के सरगना और लाभार्थियों पर नजर रखने की भी आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जा सके।


टैक्स की चोरी सिर्फ सरकारों के लिए ही नहीं बल्कि वहां के आम लोगों पर भी बुरा प्रभाव डालती हैं। इस मामले में भारत भी अछूता नहीं है। देश में होने वाली टैक्स चोरी, यहां की सरकार के लिए एक बड़ा सिरदर्द बना हुआ है। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने मंगलवार को जीएसटी चोरी के संदिग्ध मामलों से निपटने के दौरान एंफोर्समेंट एक्शन और कारोबार सुगमता (Ease of Doing Business) के बीच बेहतर संतुलन बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया।

फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के सरगना पर रहेगी पैनी नजर

संजय मल्होत्रा ने राज्य और केंद्रीय जीएसटी स्ट्रक्चर से जुड़े प्रवर्तन प्रमुखों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे संस्करण को संबोधित करते हुए फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के सरगना और लाभार्थियों पर नजर रखने की भी आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की जा सके। फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन का पता लगाने के लिए चल रहे विशेष अभियान के बीच ये बैठक हुई है। पूरे देश में ये अभियान 16 अगस्त को शुरू हुआ और दो महीने तक जारी रहेगा।

टैक्स चोरी करने वालों से आगे की सोच रखने की जरूरत

आधिकारिक बयान के अनुसार, ”सचिव ने नियम लागू करने के एंफोर्समेंट एक्शन और कारोबार सुगमता के बीच एक अच्छा संतुलन बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया।” अपने संबोधन में, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय अग्रवाल ने एंफोर्समेंट एजेंसियों को टैक्स चोरी करने वालों से आगे की सोच रखने की जरूरत बताई ताकि जीएसटी सिस्टम का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके।

बड़े-बड़े विभागों के दिग्गजों ने भी लिया हिस्सा

सम्मेलन में राजस्व विभाग, सीबीआईसी, वाणिज्यिक कर आयुक्त, राज्यों के जीएसटी प्रवर्तन प्रमुखों और जीएसटीएन के सीईओ समेत अन्य सीनियर अधिकारी शामिल हुए। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई), वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू-आईएनडी) और केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (सीईआईबी) जैसे विभागों के अधिकारी भी इस अहम सम्मेलन में शामिल हुए।

Source : https://www.indiatv.in/paisa/tax/there-is-a-need-to-keep-a-close-watch-on-the-masterminds-of-fake-input-tax-credit-know-what-the-cbic-chairman-said-about-tax-evaders-2024-08-21-1069078

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Minimum Balance का कैलकुलेशन, क्या रोज लिमिट मेंटेन करनी होती है? https://gstitreturn.com/minimum-balance-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%9c-%e0%a4%b2/ https://gstitreturn.com/minimum-balance-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%88%e0%a4%b2%e0%a4%95%e0%a5%81%e0%a4%b2%e0%a5%87%e0%a4%b6%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%9c-%e0%a4%b2/#respond Wed, 07 Aug 2024 05:56:08 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5765 बहुत सारे लोगों के मन में एक बड़ा कनफ्यूजन इस बात को लेकर रहता है कि आखिर मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन कैसे होता है. कई लोग सोचते हैं कि हर दिन मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होता है. हाल ही में वित्त मंत्रालय की तरफ से कुछ आंकड़े जारी किए गए थे. आंकड़ों से पता चला […]

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बहुत सारे लोगों के मन में एक बड़ा कनफ्यूजन इस बात को लेकर रहता है कि आखिर मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन कैसे होता है. कई लोग सोचते हैं कि हर दिन मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होता है.

हाल ही में वित्त मंत्रालय की तरफ से कुछ आंकड़े जारी किए गए थे. आंकड़ों से पता चला है कि देश के 11 पब्लिक सेक्टर बैंकों ने FY24 में सेविंग्स बैंक अकाउंट (Savings Bank Account) पर मिनिमम बैलेंस (Minimum Balance) मेंटेन ना करने वालों से 2331 करोड़ रुपये कमाए हैं. अगर बात FY23 की करें तो उस अवधि में बैंकों ने कुल 1855.43 करोड़ रुपये कमाए थे. यानी इन बैंकों की कमाई करीब 25.63 फीसदी बढ़ी है. इन 11 बैंकों ने पिछले 3 सालों में मिनिमम बैलेंस मेंटेन ना करने वालों से अब तक कुल 5614 करोड़ रुपये कमाए हैं.

कैसे होता है मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन?

बहुत सारे लोगों के मन में एक बड़ा कनफ्यूजन इस बात को लेकर रहता है कि आखिर मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन कैसे होता है. कई लोग सोचते हैं कि हर दिन मिनिमम बैलेंस मेंटेन करना होता है. यहां आपको बता दें कि मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन रोजाना के हिसाब से नहीं होता, बल्कि पूरे महीने के हिसाब से होता है. हर दिन आपके खास में एवरेज पैसे मिनिमम बैलेंस जितना या उससे अधिक होना चाहिए.

एक उदाहरण से समझते हैं

मान लीजिए आपके बैंक ने मिनिमम बैलेंस की सीमा 10 हजार रुपये तय की हुई है. ऐसे में मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने के लिए हर रोज 10 हजार रुपये की सीमा मेंटेन करना जरूरी नहीं, बल्कि एवरेज करना होता है. यानी अगर आप पहली तारीख को ही अपने खाते में पूरे दिन 3 लाख रुपये रख लेते हैं, तो उस महीने में आपका प्रतिदिन का एवरेज 10 हजार रुपये निकल आता है. यानी पहली तारीख को पूरे दिन 3 लाख रुपये खाते में रहें और फिर उसके बाद भले ही आप सारे पैसे अकाउंट से निकाल लें, आपका मिनिमम बैलेंस का कैलकुलेशन 10 हजार रुपये आएगा और आप पर कोई फाइन नहीं लगेगा.

मिनिमम बैलेंस कम होने पर लगता है चार्ज

बहुत सारे बैंकों की तरफ से खाते में बैलेंस एक न्यूनतम सीमा (Minimum Balance) से कम होने पर कुछ पेनाल्टी लगाई जाती है. अलग-अलग बैकों के लिए यह चार्ज 400-500 रुपये के बीच रहता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अगर ऐसे खातों से सारे पैसे निकाल लिए जाएं और बैंक पेनाल्टी लगा दे तब तो आपका बैलेंस निगेटिव हो जाएगा. दरअसल, ऐसा नहीं होता है.

Source : https://www.zeebiz.com/hindi/banking/how-to-calculate-minimum-balance-of-savings-bank-account-know-all-about-it-179400

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तो क्या बंद हो जाएगा Old Tax Regime? https://gstitreturn.com/%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a6-%e0%a4%b9%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%97%e0%a4%be-old-tax-regime/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%a4%e0%a5%8b-%e0%a4%95%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%82%e0%a4%a6-%e0%a4%b9%e0%a5%8b-%e0%a4%9c%e0%a4%be%e0%a4%8f%e0%a4%97%e0%a4%be-old-tax-regime/#respond Mon, 05 Aug 2024 06:44:23 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5758 इनकम टैक्स रिटर्न की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 थी. अब आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल कुल टैक्स पेयर्स में से 72 फीसदी करदाताओं ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स फाइल किया है. इनकम टैक्स भरने की डेडलाइन (31 जुलाई 2024) निकल गई है. टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा कि […]

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इनकम टैक्स रिटर्न की डेडलाइन 31 जुलाई 2024 थी. अब आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस साल कुल टैक्स पेयर्स में से 72 फीसदी करदाताओं ने न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स फाइल किया है.

इनकम टैक्स भरने की डेडलाइन (31 जुलाई 2024) निकल गई है. टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा कि आकलन वर्ष 2024-25 के लिए रिकॉर्ड संख्या में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं.  यही नहीं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक न्यू टैक्स रिजीम टैक्स पेयर्स की पहली पसंद बन रहा है.आंकलन वर्ष 2024-25 में कुल 72 फीसदी टैक्सपेयर्स ने न्यू टैक्स रिजीम और 28 फीसदी टैक्स पेयर्स ने ओल्ड टैक्स रीजीम के तहत रिटर्न फायल किया है.    

Income Tax Return, New Tax Regime: नई टैक्स व्यवस्था में फाइल हुए 5.27 करोड़ रिटर्न

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने एक बयान में कहा कि AY 2024-25 के लिए रिकॉर्ड संख्या में आईटीआर दाखिल किए गए हैं. 31 जुलाई की निर्धारित समयसीमा तक रिकॉर्ड 7.28 करोड़ से ज्यादा आयकर रिटर्न दाखिल किए गए. यह नया रिकॉर्ड है. पिछले साल 6.77 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए थे. बकौल आयकर विभाग,’AY 2024-25 के लिए दाखिल किए गए कुल 7.28 करोड़ आईटीआर में से नयी कर व्यवस्था के तहत 5.27 करोड़ रिटर्न दाखिल किए गए हैं. वहीं पुरानी कर व्यवस्था में दाखिल रिटर्न की संख्या 2.01 करोड़ है.’ 

Income Tax Return, New Tax Regime: पिछले पांच साल में कितना फाइल हुआ रिटर्न 

AYDue dateNo of Returns filed
2020-2110/01/20215,78,45,678
2021-2231/12/20215,77,39,682
2022-2331/07/20225,82,88,692
2023-2431/07/20236,77,42,303
2024-2531/07/20247,28,80,318

Income Tax Return, New Tax Regime:  एक घंटे में फाइल हुए 5.07 लाख इनकम टैक्स रिटर्न

ई-फाइलिंग पोर्टल में 31 जुलाई 2024 को शाम 7:00 बजे से 8:00 बजे के बीच सबसे ज्यादा 5.07 लाख आईटीआर दाखिल किए गए हैं. आईटीआर दाखिल करने की उच्चतम प्रति सेकंड दर 917 (17 जुलाई 2024, सुबह 8:13:54) और उच्चतम प्रति मिनट दर 9,367 (31 जुलाई 2024, शाम 8:08) थी. आईटीआर भरने की डेडलाइन यानी 31 जुलाई को 69.92 लाख से अधिक रिटर्न दाखिल किए गए. पहली बार रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 58.57 लाख थी, जो टैक्स बेस के विस्तार का एक अच्छा संकेत है.

Source : https://www.zeebiz.com/hindi/personal-finance/income-tax/income-tax-department-says-72-percent-of-taxpayers-have-opted-for-the-new-tax-regime-for-filing-itr-178884

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Credit Card का बकाया बन गया कर्ज का जंजाल ? https://gstitreturn.com/credit-card-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%9c%e0%a4%82/ https://gstitreturn.com/credit-card-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%ac%e0%a4%a8-%e0%a4%97%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%9c-%e0%a4%95%e0%a4%be-%e0%a4%9c%e0%a4%82/#respond Sat, 03 Aug 2024 06:22:28 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5753 क्रेडिट कार्ड से खर्च की गई रकम एक तरह का लोन है. अगर आपने इसे ग्रेस पीरियड में नहीं चुकाया तो आप कर्ज के जंजाल में फंस सकते हैं. यहां जान लीजिए ऐसी सिचुएशन में कौन से तरीके आपके लिए काम के हो सकते हैं. Credit Card का चलन बीते कुछ सालों में काफी तेजी […]

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क्रेडिट कार्ड से खर्च की गई रकम एक तरह का लोन है. अगर आपने इसे ग्रेस पीरियड में नहीं चुकाया तो आप कर्ज के जंजाल में फंस सकते हैं. यहां जान लीजिए ऐसी सिचुएशन में कौन से तरीके आपके लिए काम के हो सकते हैं.

Credit Card का चलन बीते कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ा है. ये काफी सुविधाजनक है. अगर आपके पास पैसे नहीं हैं, तो आप क्रेडिट कार्ड की मदद से जरूरत को पूरा कर सकते हैं. क्रेडिट कार्ड से आप जो भी राशि खर्च करते हैं वो एक लोन की तरह होती है. लेकिन इस लोन को चुकाने के लिए आपके पास ग्रेस पीरियड होता है. अगर आप उस ग्रेस पीरियड में लोन चुका देते हैं, तो आपको क्रेडिट कार्ड से खर्च की गई रकम पर ब्‍याज नहीं देना होता. 

लेकिन अगर ये ग्रेस पीरियड मिस हो गया और आप लोन की रकम की भरपाई नहीं कर पाए तो आपको अच्‍छा खासा ब्‍याज देना पड़ सकता है. इस चक्‍कर में व्‍यक्ति कर्ज के जंजाल में उलझता जाता है. अगर आपके साथ कभी ऐसा कुछ हो जाए तो यहां जान लीजिए वो तरीके जो आपको कर्ज के जंजाल से निकालने में मददगार साबित होंगे.

बिल को ईएमआई में कन्‍वर्ट कराएं

अगर आप डिफॉल्टर बन गए हैं और क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं भर पा रहे हैं, तो इससे आपको सिबिल स्‍कोर पर गलत असर पड़ेगा. बेहतर है कि आप क्रेडिट कार्ड बिल को ईएमआई में कन्वर्ट करा लें. ईएमआई का फायदा ये होगा कि आपको क्रेडिट कार्ड बिल की पूरी राशि एक बार में चुकाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आपका आर्थिक बोझ इससे कम होग

टॉप अप लोन

अगर पहले से आपका होम लोन चल रहा है, तो आप उस पर टॉप अप लोन करवा सकते हैं. टॉप अप लोन एक ऐसा लोन होता है, जिसमें बैंक की ओर से आपके पहले से चल रहे लोन पर अतिरिक्त राशि दी जाती है. ये एक तरीके से एड ऑन सुविधा की तरह से होता है जो बैंक अपने ग्राहक को देता है. इससे आप आसानी से क्रेडिट कार्ड के लोन की भरपाई कर सकते हैं.

FD, PPF, LIC पर लोन

अगर आपने FD, PPF, LIC या ऐसी किसी स्‍कीम में निवेश किया है, जिस पर लोन की सुविधा मिलती हो, तो आप इस सुविधा का फायदा ले सकते हैं. इस तरह आपको कम ब्याज पर लोन मिल जाएगा और आप आसानी से क्रेडिट कार्ड का बकाया भुगतान कर सकेंगे. इससे आपका बजट भी नहीं गड़बड़ाएगा.

दूसरे क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कराएं बैलेंस

अगर आपके पास एक से ज्‍यादा क्रेडिट कार्ड हैं तो आप क्रेडिट कार्ड बैलेंस को दूसरे कार्ड पर ट्रांसफर करवा सकते हैं. इसका फायदा ये होगा कि आपको आपको अलग क्रेडिट पीरियड मिल जाता है. ऐसे में बिना ब्याज में इजाफा हुए आपको पेमेंट करने के लिए एक्सट्रा टाइम मिल जाता है. बैलेंस ट्रांसफर करने के दो तरीके हो सकते हैं. पहला तरीका ये है कि आपको बैंक के कस्टमर केयर पर फोन करना होगा और उनसे बैलेंस ट्रांसफर करवाना होगा. दूसरा तरीका ये है कि आप खुद ही बैंक के ऐप या वेबसाइट से बैलेंस ट्रांसफर कर लें.

Source : https://www.zeebiz.com/hindi/personal-finance/credit-card-loan-bill-repayment-strategy-how-to-get-rid-of-debt-trap-178849

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