Business Archives - Gst It Return https://gstitreturn.com/category/business/ Lets Discuss Tax in India... Mon, 10 Feb 2025 13:29:59 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://gstitreturn.com/wp-content/uploads/2022/05/cssf-100x100.png Business Archives - Gst It Return https://gstitreturn.com/category/business/ 32 32 बैंकों और NBFC की पेनाल्‍टी पर GST नहीं, आसान भाषा में समझ‍िए क्‍या है यह नया न‍ियम https://gstitreturn.com/%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%94%e0%a4%b0-nbfc-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-g/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%ac%e0%a5%88%e0%a4%82%e0%a4%95%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%94%e0%a4%b0-nbfc-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a4%be%e0%a4%b2%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-g/#respond Mon, 10 Feb 2025 13:29:55 +0000 https://gstitreturn.com/?p=6035 CBIC GST Circular: बैंकों और एनबीएफसी की तरफ से लगाई जाने वाली पेनाल्‍टी पर जीएसटी से छूट देने से ग्राहक और बैंक दोनों को राहत म‍िलेगी. इसके अलावा सीबीआईसी ने 2000 रुपये से कम के ट्रांजेक्‍शन पर भी राहत दी है.  GST On Penalty Charges: अगर आपके लोन की ईएमआई लेट हुई या फ‍िर क्रेड‍िट कार्ड […]

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CBIC GST Circular: बैंकों और एनबीएफसी की तरफ से लगाई जाने वाली पेनाल्‍टी पर जीएसटी से छूट देने से ग्राहक और बैंक दोनों को राहत म‍िलेगी. इसके अलावा सीबीआईसी ने 2000 रुपये से कम के ट्रांजेक्‍शन पर भी राहत दी है. 

GST On Penalty Charges: अगर आपके लोन की ईएमआई लेट हुई या फ‍िर क्रेड‍िट कार्ड का पेमेंट लेट हुआ तो बैंक और एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से पेनाल्‍टी लगाई जाती है. उदाहरण के ल‍िए आपके ऊपर 1000 रुपये की पेनाल्‍टी लगी तो आपको इस पर 180 रुपये जीएसटी का भुगतान करना होता था. लेक‍िन अब यह न‍ियम बदल गया है. जी हां, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्‍ट टैक्‍स एंड कस्‍टमस (CBIC) ने कहा कि बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से लगाए जाने वाले पेनाल्‍टी पर जीएसटी (GST) नहीं लगेगा. जुर्माना से मतलब यह है क‍ि यद‍ि आपने किसी नियम का उल्लंघन किया है तो आपको ऐसे में एक्‍सट्रा पैसा देना पड़ता है.

2000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर जीएसटी नहीं

इसके अलावा सीबीआईसी (CBIC) ने एक सर्कुलर से यह भी साफ क‍िया क‍ि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर पेमेंट एग्रीगेटर्स के जर‍िये 2,000 रुपये तक के ट्रांजेक्शन पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. सीबीआईसी (CBIC) की तरफ से साफ क‍िया गया क‍ि पेनाल्‍टी की राश‍ि पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा. सीबीआईसी ने कहा कि यह फैसला 55वीं जीएसटी काउंस‍िल की सिफारिश के अनुसार लिया गया है. जीएसटी काउंस‍िल में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं.

कब लगता है जुमार्ना
बैंकों और एनबीएफसी (NBFC) की तरफ से आपके लोन की ईएमआई या क्रेड‍िट कार्ड का पेमेंट लेट होने पर पेनाल्‍टी लगाई जाती है. यह पेनाल्‍टी उस समय लगाई जाती है जब आप नियम का पालन नहीं करके समय से लोन की किस्त भुगतान नहीं कर पाते. इस स्‍थ‍िति में बैंक ग्राहक पर पेनाल्‍टी लगाते हैं. अब तक पेनाल्‍टी की इस राश‍ि पर कस्‍टमर को 18 प्रत‍िशत की जीएसटी भी देनी होती है. सीबीआईसी के इस फैसले से बैंक और ग्राहकों दोनों को राहत म‍िलेगी.

क्‍या होगा फायदा?
जानकारों का कहना है क‍ि सीबीआईसी (CBIC) का यह फैसला काफी अहम है. इससे बैंकों और ग्राहकों के बीच होने वाले विवादों को कम करने में भी मदद मिलेगी. इस फैसले से बैंकों की तरफ से लगाए जाने वाले जुर्माने पर जीएसटी नहीं लगेगा. इसका फायदा मॉनीटरी तौर पर बैंक और ग्राहक दोनों को होगा. 

2000 रुपये से कम की शॉप‍िंग पर भी फायदा
इसके अलावा कुछ लोगों और कंपनियों की तरफ से शिकायत में कहा गया कि यद‍ि कोई शख्‍स क्रेडिट या डेबिट कार्ड या किसी अन्य कार्ड के जर‍िये ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जर‍िये 2000 रुपये से कम की कोई चीज खरीदता है, तो उस पर जीएसटी नहीं लगना चाहिए. इन शिकायतों को देखते हुए सीबीआईसी की तरफ से मामले पर स्पष्टीकरण दिया गया. पेमेंट एग्रीगेटर्स ई-कॉमर्स साइट और व्यापारियों को ग्राहकों से पैसे लेने में मदद करती हैं. इन दुकानों को खुद कोई अलग सिस्टम बनाने की जरूरत नहीं पड़ती है.

ये कंपनियां ग्राहकों से पैसे लेकर उन्हें इकट्ठा करती हैं. इसके बाद तय समय पर दुकानदारों के अकाउंट में भेज देती हैं. सीबीआईसी ने आरबीआई (RBI) के न‍ियमों का भी जिक्र किया है. इन नियमों में पेमेंट एग्रीगेटर्स (PAs) और पेमेंट गेटवे के बीच अंतर बताया गया है. सीबीआईसी ने साफ क‍िया कि अगर यद‍ि व्यक्ति क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या किसी अन्य कार्ड का यूज करके किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर 2000 रुपये से कम की शॉप‍िंग करता है तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा. यह छूट ऐसे पेमेंट एग्रीगेटर्स (PA) को ही मिलेगी जो आरबीआई (RBI) के नियमों के तहत काम करते हैं.

Source : https://zeenews.india.com/hindi/business/what-is-no-gst-on-penal-charges-levied-by-banks-nbf-cbic/2621740

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टाटा मोटर्स और महिंद्रा की तरफ से मांगा गया PLI इंसेंटिव मंजूर, दोनों कंपनियों को मिलेगा इतना क्लेम अमाउंट https://gstitreturn.com/%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%9f%e0%a4%be%e0%a4%9f%e0%a4%be-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%9f%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%b8-%e0%a4%94%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%b9%e0%a4%bf%e0%a4%82%e0%a4%a6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%be-%e0%a4%95/#respond Thu, 02 Jan 2025 12:46:20 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5976 15 सितंबर, 2021 को स्वीकृत पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक इंसेंटिव डिस्बर्समेंट तय है। टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की तरफ से किए गए 246 करोड़ रुपये के पीएलआई इंसेंटिव को […]

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15 सितंबर, 2021 को स्वीकृत पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक इंसेंटिव डिस्बर्समेंट तय है।

टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा की तरफ से किए गए 246 करोड़ रुपये के पीएलआई इंसेंटिव को भारी उद्योग मंत्रालय ने गुरुवार को मंजूर कर लिया है। मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। पीटीआ की खबर के मुताबिक, सरकार ने ऑटोमोबाइल और ऑटो कम्पोनेंट उद्योग के लिए 25,938 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना का प्रावधान किया है। भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने पीएलआई योजना जैसी पहलों के जरिये लोकल मैनुफैक्चरिंग को हासिल करने की दिशा में ऑटो मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया है।

टाटा मोटर्स ने 142.13 करोड़ रुपये दावा प्रस्तुत किया

खबर के मुताबिक, कुमारस्वामी ने इस क्षमता को विकसित करने के लिए टाटा मोटर्स और एमएंडएम को बधाई दी और विश्वास जताया कि अधिक आवेदक पीएलआई योजना का लाभ उठाएंगे। सूत्रों के अनुसार, टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2023-24 में निर्धारित बिक्री के आधार पर लगभग 142.13 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दावा प्रस्तुत किया। टाटा मोटर्स के एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (एएटी) उत्पादों की पात्र बिक्री में टियागो ईवी (इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर), स्टारबस ईवी (इलेक्ट्रिक बस) और ऐस ईवी (इलेक्ट्रिक कार्गो वाहन) शामिल हैं, जिनकी कुल कीमत 1,380.24 करोड़ रुपये है।

महिंद्रा एंड महिंद्रा का दावा

मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि महिंद्रा एंड महिंद्रा ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 800.59 करोड़ रुपये की कुल एएटी उत्पादों की निर्धारित वृद्धिशील बिक्री के आधार पर 104.08 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन दावा प्रस्तुत किया, जिसमें कुल निवेश 978.30 करोड़ रुपये है। ट्रेओ, ट्रेओ ज़ोर और ज़ोर ग्रैंड सहित उनके ई3डब्ल्यू मॉडल की पात्र बिक्री 836.2 करोड़ रुपये है, जिसे ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआई) द्वारा जारी घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) के सर्टिफिकेट द्वारा समर्थित किया गया है।

स्कीम का मकसद मैनुफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाना है

एक अधिकारी ने बताया कि टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के कुल दावे लगभग 246 करोड़ रुपये के हैं, जिनकी जांच और संस्तुति परियोजना प्रबंधन एजेंसी (पीएमए) द्वारा की गई है और बाद में भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) द्वारा अनुमोदित किया गया है। इस स्कीम का मकसद एएटी प्रोडक्ट्स में भारत की मैनुफैक्चरिंग क्षमताओं को बढ़ाना, लागत संबंधी कमियों को दूर करना और एक मजबूत सप्लाई चेन सेट अप करना है। 15 सितंबर, 2021 को स्वीकृत पीएलआई योजना को वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2028-29 तक इंसेंटिव डिस्बर्समेंट तय है।

Source : https://www.indiatv.in/paisa/auto/government-approves-rs-246-crore-pli-incentives-sought-by-m-m-tata-motors-2025-01-02-1102283

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शेयर मार्केट में भारी गिरावट जारी, अब क्या करें निवेशक- https://gstitreturn.com/%e0%a4%b6%e0%a5%87%e0%a4%af%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%9f-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%b6%e0%a5%87%e0%a4%af%e0%a4%b0-%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d%e0%a4%95%e0%a5%87%e0%a4%9f-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%ad%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%97%e0%a4%bf%e0%a4%b0/#respond Fri, 18 Oct 2024 05:47:48 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5877 शेयर बाजार में जारी भारी गिरावट के बीच छोटे निवेशकों में हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में तमाम निवेशकों के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि गिरते हुए बाजार में अब उन्हें क्या करना चाहिए। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। गुरुवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार शुक्रवार […]

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शेयर बाजार में जारी भारी गिरावट के बीच छोटे निवेशकों में हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में तमाम निवेशकों के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि गिरते हुए बाजार में अब उन्हें क्या करना चाहिए।

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला जारी है। गुरुवार को बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ शेयर बाजार शुक्रवार को एक बार फिर बड़ी गिरावट के साथ खुला। आज बीएसई सेंसेक्स 257.35 अंकों की गिरावट के साथ 80,749.26 अंकों पर खुला तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी 50 भी 86.70 अंकों की गिरावट के साथ 24,664.95 अंकों पर शुरू हुआ। बताते चलें कि सेंसेक्स 27 सितंबर, 2024 को 85978.25 अंकों के अपने ऑल टाइम हाई पर था। सेंसेक्स अपने ऑल टाइम हाई से अभी तक 5200 से ज्यादा अंक गिर चुका है।

छोटे निवेशकों में मचा हाहाकार

शेयर बाजार में जारी भारी गिरावट के बीच छोटे निवेशकों में हाहाकार मचा हुआ है। ऐसे में तमाम निवेशकों के लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि गिरते हुए बाजार में अब उन्हें क्या करना चाहिए। निवेशकों के मन में उठ रहे तरह-तरह के सवालों का जवाब ढूंढने के लिए इंडिया टीवी ने जाने-माने मार्केट एक्सपर्ट कुणाल सरावगी के साथ खास बातचीत की और ये जानने की कोशिश की कि बाजार में आखिर ये गिरावट क्यों हो रही है और ये कब थमेगी, निवेशकों को अब आगे क्या करना चाहिए और घरेलू बाजार में रिवकरी कब शुरू होगी?

बाजार में जारी गिरावट के पीछे कई कारण

कुणाल सरावगी ने बताया कि बाजार में जारी गिरावट के कई अहम कारण हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजार अभी दुनियाभर के मार्केट में चल रहे ग्लोबल सेल-ऑफ के दबाव का सामना कर रहा है। इसके अलावा, बाजार जिस स्तर पर पहुंचा था, वहां से करेक्शन आना तय था और भारतीय बाजार में जारी ये गिरावट करेक्शन का भी एक हिस्सा है। इसके अलावा, मिडल-ईस्ट देशों में तनाव की स्थितियों की वजह से भी बाजार काफी दबाव में है।

निवेशकों के लिए क्या है कुणाल सरावगी की सलाह

मार्केट एक्सपर्ट कुणाल सरावगी ने बताया कि निवेशकों को इस गिरावट से घबराने की कोई खास जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस गिरावट का कोई खास असर नहीं पड़ेगा और जल्द ही ये गिरावट रुक जाएगी। हालांकि, उन्होंने ये भी बताया कि बाजार में अभी और गिरावट देखी जा सकती है। निफ्टी 50 इंडेक्स करेंट लेवल से 500 अंक और नीचे जा सकता है लेकिन 23,500 के लेवल पर निफ्टी को सपोर्ट मिलेगा और इस लेवल से बाजार में रिकवरी शुरू हो जाएगी। कुणाल सरावगी ने निवेशकों को बिकवाली से बचने और होल्ड करने की सलाह दी है।

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बिजनेस के लिए GST रजिस्ट्रेशन कितना जरुरी? क्या होती है फीस, जानें रजिस्टर करने का प्रोसेस.. https://gstitreturn.com/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-gst-%e0%a4%b0%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b6/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%ac%e0%a4%bf%e0%a4%9c%e0%a4%a8%e0%a5%87%e0%a4%b8-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-gst-%e0%a4%b0%e0%a4%9c%e0%a4%bf%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%b6/#respond Thu, 07 Mar 2024 10:22:34 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5644 आकांक्षा दीक्षित/दिल्ली. बिजनेस के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration) का एक खास नियम है. इस नियम के तहत बिजनेस करने वाले व्यक्ति को जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. आज हम आपको हमारी इस खास रिपोर्ट में एक CA द्वारा बताएंगे कि अगर आप अपना खुद का बिजनेस खोलना चाहते हैं, तो उसमें GST रजिस्ट्रेशन में कितना […]

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आकांक्षा दीक्षित/दिल्ली. बिजनेस के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन (GST Registration) का एक खास नियम है. इस नियम के तहत बिजनेस करने वाले व्यक्ति को जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना होता है. आज हम आपको हमारी इस खास रिपोर्ट में एक CA द्वारा बताएंगे कि अगर आप अपना खुद का बिजनेस खोलना चाहते हैं, तो उसमें GST रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है.

इसको लेकर CA नितिन शर्मा ने बताया कि सबसे पहले आपको देखना होगा कि आप बिजनेस किस चीज का करना चाह रहे हैं. शुरुआत में ही GST रजिस्ट्रेशन की कोई आवश्यकता नहीं है. सरकार ने कुछ छूट दे रखी है, जिसमें अगर आप 20 लाख के अंदर काम करते हैं, तो उसमें आपको छूट मिलेगी. उन्होंने कहा कि जब इसके ऊपर आपकी इनकम होने लगेगी, तो उसके बाद अपना GST रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

GST रजिस्ट्रेशन का ऑनलाइन प्रक्रिया
नितिन शर्मा ने बताया कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए ऑनलाइन प्रोसेस होता है, जिसके लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है. एक बार अगर आपने GST रजिस्ट्रेशन अप्लाई कर दिया, उसके बाद एक TRN नंबर मिल जाता है, जिसे टेम्परेरी रेफरेंस नंबर भी कहा जाता है. जिसके बाद आपको पता लग जाता है, कि आपका GST नंबर किसको असाइन हुआ है. उन्होंने बताया कि इसके बाद आपको अप्रूवल आ जाएगा. अगर आपके डॉक्यूमेंट में कोई भी समस्या नहीं आती है, तो आपका GST रजिस्ट्रेशन 7-10 दिनों में हो जाएगा और अगर कोई समस्या आई तो उस केस में 15-20 दिन लग सकते हैं. उन्होंने इसके चार्ज के बारे में बताया कि कोई भी CA 2500 से लेकर 5000 में आपका GST रजिस्ट्रेशन करवा देगा और प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए चार्ज 10,000 तक जाता है..

रजिस्ट्रेशन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट्स 

क्यों जरूरी है जीएसटी रजिस्ट्रेशन
नितिन शर्मा ने बताया कि जीएसटी ने पहले के तमाम टैक्स की जगह ली है. पहले अलग-अलग प्रकार के टैक्स लगते थे, जिन्हें जीएसटी में समेट दिया गया है. अगर आपका सालाना टर्नओवर 40 लाख, कुछ स्थिति में 20 लाख से अधिक है तो आप जीएसटी की नजर में टैक्सपेयर हैं. इसके लिए आपको अपने बिजनेस में टैक्स चुकाना पड़ता है. इस टैक्स को चुकाने के लिए ही रजिस्ट्रेशन कराना होता है. अगर बिना रजिस्ट्रेशन आप बिजनेस करते हैं तो यह एक अपराध है, जिसके पकड़े जाने पर आपको भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है.

ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन भी बहुत जरूरी
अगर कोई भी अपना नया स्टार्टअप शुरू करता है, तो उसके लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन ज़रूरी होता है. ताकि मार्केट में कोई भी आपका नाम या आपके नाम से मिलता जुलता नाम कॉपी न कर सके, जिसकी गवर्नमेंट फीस 4500 रुपये होती है और नॉन प्रोपराइटर फीस 9000 रुपये है और फ़ाइलिंग चार्ज 1500 रुपये है.

SOURCE : https://hindi.news18.com/news/delhi/gst-registration-process-register-your-business-goods-and-services-tax-step-by-step-process-8104946.html

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दुनिया के 8 अनोखे देश, जहां नहीं लगता इनकम टैक्स, यह गरीब मुल्क भी देता है छूट, दिलचस्प है वजह https://gstitreturn.com/%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-8-%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%96%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%9c%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%a8/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%a6%e0%a5%81%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%95%e0%a5%87-8-%e0%a4%85%e0%a4%a8%e0%a5%8b%e0%a4%96%e0%a5%87-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%b6-%e0%a4%9c%e0%a4%b9%e0%a4%be%e0%a4%82-%e0%a4%a8/#respond Thu, 29 Feb 2024 08:09:32 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5635 दुनिया के इन देशों में नागरिकों से टैक्स नहीं लेने के अलग-अलग कारण हैं. इनमें ज्यादातर खाड़ी देश हैं. इसके अलावा यूरोपीय और अफ्रीकी देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं. Tax Free Countries: दुनियाभर में इनकम टैक्स सरकार की आय का अहम जरिया होता है लेकिन टैक्सपेयर्स हमेशा करों में राहत चाहते हैं. हर आयकर […]

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दुनिया के इन देशों में नागरिकों से टैक्स नहीं लेने के अलग-अलग कारण हैं. इनमें ज्यादातर खाड़ी देश हैं. इसके अलावा यूरोपीय और अफ्रीकी देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं.

Tax Free Countries: दुनियाभर में इनकम टैक्स सरकार की आय का अहम जरिया होता है लेकिन टैक्सपेयर्स हमेशा करों में राहत चाहते हैं. हर आयकर दाता की कोशिश होती है कि किसी भी तरह से ज्यादा से ज्यादा टैक्स की बचत की जाए. लेकिन, दुनिया में कुछ देश ऐसे हैं जहां टैक्स ही नहीं लगता है. खास बात है कि इनमें एक बेहद गरीब देश भी शामिल है जो अपने नागरिकों से कर नहीं लेता है.

इन देशों में नागरिकों से टैक्स नहीं लेने के अलग-अलग कारण हैं. इनमें ज्यादातर खाड़ी देश हैं. इसके अलावा यूरोपीय और अफ्रीकी देश भी इस लिस्ट में शामिल हैं. खास बात है कि अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और चीन जैसे बड़े और शक्तिशाली देशों में इनकम टैक्स वसूला जाता है तो फिर इन देशों में यह छूट क्यों मिलती है. आइये आपको बताते हैं इसके पीछे की खास वजह

यूएई
खाड़ी देशों में संयुक्त अरब अमीरात, सबसे अमीर मुल्क है. इस देश की अर्थव्यवस्था ऑयल और टूरिज्म से बेहद मजबूत है इसलिए यहां आम नागरिकों से टैक्स नहीं लिया जाता है.

कुवैत-बहरीन
कुवैत और बहरीन भी खाड़ी देश हैं और दुनिया के बड़े तेल निर्यातक देश हैं. इसलिए यहां भी सरकारें अपने नागरिकों से इनकम टैक्स नहीं लेती है.

ब्रुनेई-ओमान
अकूत तेल के भंडार वाले ब्रुनेई में भी नागरिकों से आयकर नहीं लिया जाता है. यह देश साउथ ईस्ट एशिया में पड़ता है. वहीं, एक और खाड़ी देश ओमान में भी लोगों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है. दरअसल ओमान में भी तेल और गैस के बड़े भंडार हैं.

मोनाको-नौरू
इस यूरोपीय देश में भी सरकार लोगों से इनकम टैक्स नहीं वसूलती है. दुनिया के सबसे छोटे द्वीप राष्ट, नौरू में भी लोगों से आयकर नहीं लिया जाता है.

सोमालिया
पूर्वी अफ्रीकी देश सोमालिया वैसे तो गरीब देश है लेकिन यहां भी जनता से टैक्स नहीं वसूला जाता है.

SOURCE : https://hindi.news18.com/news/business/tax-free-countries-in-the-world-uae-kuwait-oman-no-need-to-pay-income-tax-here-8104811.html

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मोदी सरकार ने करोड़ों टैक्सपेयर्स को दी बड़ी खुशखबरी, 1 लाख रुपये तक Tax डिमांड होगा माफ https://gstitreturn.com/%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%a6%e0%a5%80-%e0%a4%b8%e0%a4%b0%e0%a4%95%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a4%b0%e0%a5%8b%e0%a4%a1%e0%a4%bc%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%9f%e0%a5%88%e0%a4%95/#respond Fri, 23 Feb 2024 09:49:06 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5632 Income Tax Demand Waived: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के अंतरिम बजट में घोषणा के दौरान कहा था कि वित्त वर्ष 2009-10 तक 25,000 रुपये और 2010-11 तक 10,000 रुपये तक के विवादित इनकम टैक्स डिमांड वापस लिए जाएंगे. नई दिल्ली:  मोदी सरकार ने देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स का ध्यान रखते हुए उन्हें बड़ी राहत दी […]

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Income Tax Demand Waived: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के अंतरिम बजट में घोषणा के दौरान कहा था कि वित्त वर्ष 2009-10 तक 25,000 रुपये और 2010-11 तक 10,000 रुपये तक के विवादित इनकम टैक्स डिमांड वापस लिए जाएंगे.

नई दिल्ली: 

मोदी सरकार ने देश के करोड़ों टैक्सपेयर्स का ध्यान रखते हुए उन्हें बड़ी राहत दी है. इसके तहत हर टैक्सपेयर का 1 लाख रुपये तक का पेंडिग टैक्स डिमांड को माफ कर दिया जाएगा. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्मॉल टैक्स डिमांड (Small Tax Demands) को वापस लेने के लिए प्रति टैक्सपेयर (Taxpayer) 1 लाख रुपये की सीमा निर्धारित की है. यह निर्णय अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) में डायरेक्ट टैक्स डिमांड (Direct Tax Demands) को वापस लेने के संबंध में की गई घोषणा के बाद लिया गया है.

आयकर विभाग ने एक आधिकारिक आदेश के माध्यम से असेसमेंट ईयर 2015-16 तक की टैक्स डिमांड पर ध्यान केंद्रित करते हुए विड्रॉल के नियमों की रूपरेखा तैयार की है.

वित्त मंत्री ने Taxpayers के लिए किया ये बड़ा ऐलान

इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने टैक्सपेयर्स का ध्यान रखते हुए 2024-25 के अंतरिम बजट में घोषणा की थी कि सरकार ने डायरेक्ट टैक्स मामले में पुराने विवादित टैक्स डिमांड (Withdraw Controversial Tax Demand) से लोगों को राहत देने का प्रस्ताव किया है. इसके तहत वित्त वर्ष 2009-10 तक 25,000 रुपये और 2010-11 तक 10,000 रुपये तक के विवादित इनकम  टैक्स डिमांड (Income Tax Demand Notice) वापस लिए जाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का ध्यान टैक्सपेयर्स के लिए सर्विस में सुधार पर है.

1 लाख तक का टैक्स डिमांड लिया जाएगा वापस

IT विभाग ने नए आदेश में कहा है कि 31 जनवरी, 2024 तक इनकम टैक्स (Income Tax), वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) और गिफ्ट टैक्स (Gift Tax) से संबंधित बकाया मांगों को माफ कर दिया जाएगा और समाप्त कर दिया जाएगा. हालांकि, यह किसी एक टैक्सपेयर के लिए ₹ 1 लाख की अधिकतम सीमा के अधीन है. इसमें इन्टरेस्ट, पेनाल्टी, फीस, सेस और सरचार्ज के साथ-साथ टैक्स डिमांडस शामिल है. 

हाल के आदेश में, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी (CBDT) ने स्पष्ट किया कि टैक्स डिमांड वापस लेने से  टैक्सपेयर्स को क्रेडिट या रिफंड के लिए कोई क्लेम नहीं मिलता है. इसके अलावा, यह कार्रवाई टैक्सपेयर्स के खिलाफ किसी भी लंबित, शुरू की गई या विचारित आपराधिक कार्यवाही के लिए इम्युटी प्रदान नहीं करती है. 

SOURCE :https://ndtv.in/business-news/good-news-for-taxpayers-modi-government-waived-pending-income-tax-demand-upto-1-lakh-rupees-5092751

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New Income Tax Regime या पुरानी कर व्यवस्था : टैक्सपेयर को किसमें फायदा – समझें चार्ट से.. https://gstitreturn.com/new-income-tax-regime-%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%be-%e0%a4%9f/ https://gstitreturn.com/new-income-tax-regime-%e0%a4%af%e0%a4%be-%e0%a4%aa%e0%a5%81%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b5%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%b5%e0%a4%b8%e0%a5%8d%e0%a4%a5%e0%a4%be-%e0%a4%9f/#respond Sat, 10 Feb 2024 10:20:27 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5623 Budget 2024: इस ख़बर में हम पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था में लागू होने वाले टैक्स का आकलन कर टेबल के ज़रिये यह भी समझाएंगे कि किस प्रणाली में रहने पर आपको कितना टैक्स अदा करना होगा. वित्तवर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है […]

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Budget 2024: इस ख़बर में हम पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था में लागू होने वाले टैक्स का आकलन कर टेबल के ज़रिये यह भी समझाएंगे कि किस प्रणाली में रहने पर आपको कितना टैक्स अदा करना होगा.

वित्तवर्ष 2024-25 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि इनकम टैक्स की स्लैब या दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है. इसके परिणामस्वरूप नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था ज्यों की त्यों बरकरार रहेंगी. इसके साथ ही टैक्सपेयरों का यह असमंजस भी बरकरार रहेगा कि दोनों टैक्स रिजीम में से किसमें उन्हें ज़्यादा लाभ होने वाला है. आइए, आपको विस्तार से समझाते हैं कि दोनों व्यवस्थाओं में क्या-क्या फर्क है, और कितना कमाने वाले शख्स को किस टैक्स रिजीम में कितना टैक्स चुकाना होगा. आपको दिए गए चार्ट के ज़रिये आपको यह समझने में भी आसानी होगी कि किस टैक्स व्यवस्था से आपको कितना फायदा होगा.

पिछले साल, यानी आम बजट 2023 में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इनकम टैक्स रिजीम (Income Tax Regime) से जुड़े नियमों में बदलाव किए थे. वित्तमंत्री ने नई टैक्स व्यवस्था को डीफ़ॉल्ट व्यवस्था घोषित कर दिया था, लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म नहीं किया था. यानी करदाता अब भी पुरानी टैक्स व्यवस्था को चुन सकेंगे. इस व्यवस्था के तहत लाइफ इंश्योरेंस, PPF, बच्चों की स्कूल फ़ीस आदि के अलावा होम लोन पर ब्याज़, नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) या मकान किराया भत्ता जैसी छूट हासिल करते रहने के इच्छुक लोग पुरानी दरों पर ही टैक्स जमा कराते रह सकेंगे.

आइए, हम आपको पुरानी कर व्यवस्था और नई कर व्यवस्था में बनने वाले टैक्स का आकलन कर टेबल के ज़रिये यह भी समझाएंगे कि किस प्रणाली में रहने पर आपको कितना टैक्स अदा करना होगा. हमने चार ऐसे नौकरीपेशा लोगों के उदाहरण लिए हैं, जिनकी आय क्रमशः 7 लाख रुपये वार्षिक, 10 लाख रुपये वार्षिक, 12 लाख रुपये वार्षिक तथा 15 लाख रुपये वार्षिक हैं. ये लोग इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट, मकान किराया भत्ते या होम लोन के ब्याज़ के तौर पर मिलने वाली छूट, NPS के अंतर्गत ली जाने वाली छूट आदि भी हासिल करते हैं. तो किस व्यवस्था में किसे कितना टैक्स देना होगा, इन तीन टेबलों से समझें.

पुरानी टैक्स व्यवस्था वाली पहली टेबल में आप देखेंगे, चारों लोगों को मानक कटौती का लाभ मिला है, धारा 80सी के तहत भी चारों ने ही अधिकतम बचत की है, चारों ही लोगों ने NPS में भी 50,000 रुपये का निवेश किया है, और मकान किराया भत्ता या होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर भी छूट हासिल की है. पहली टेबल (पुरानी टैक्स व्यवस्था) में 7 लाख रुपये वार्षिक आय वाले पहले शख्स की करयोग्य आय सभी तरह की छूट पाने के बाद 3,70,000 रुपये रह गई है, जिस पर उसकी कर देनदारी 6,240 रुपये होने के बावजूद इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87ए के तहत मिली छूट के बाद शून्य हो गई है. कुल 4 लाख रुपये की कटौतियों और छूट के बाद 10 लाख रुपये वार्षिक आय वाले दूसरे शख्स की करयोग्य आय 6,00,000 रुपये रह जाती है, जिस पर उसे 33,800 रुपये का इनकम टैक्स चुकाना होता है. इसी प्रकार, छूट और कटौतियों को समाहित करने वाली पुरानी व्यवस्था में 12 लाख रुपये और 15 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वाले लोगों को भी क्रमशः 75,400 रुपये और 1,06,600 रुपये का इनकम टैक्स देना होगा.

दूसरी टेबल (नई टैक्स व्यवस्था) में फिर एक बार इन्हीं चार लोगों के इनकम टैक्स की कैलकुलेशन की गई है, लेकिन इस बार इन्हें मानक कटौती का लाभ मिलेगा, और इसके अलावा धारा 87ए की छूट सीमा बढ़ाए जाने व नई दरों की बदौलत 7 लाख रुपये वार्षिक आय वाले शख्स को एक बार फिर कोई कर नहीं देना होगा. 10 लाख रुपये वार्षिक आय वाले शख्स को 54,600 रुपये चुकाने होंगे, 12 लाख रुपये वार्षिक आय वाले शख्स को 85,800 रुपये इनकम टैक्स के रूप में देने होंगे, और 15 लाख रुपये वार्षिक आय वाले शख्स को कुल 1,45,600 रुपये का टैक्स अदा करना होगा.

सो, अब आप देख सकते हैं कि अगर आप कटौतियों और छूट के मद में 2.5-3 लाख रुपये से ज़्यादा की छूट हासिल कर रहे हैं, तो पुरानी टैक्स व्यवस्था में बने रहने में आपको लाभ है, वरना फायदा नई टैक्स व्यवस्था को अपना लेने में ही है.

SOURCE : https://ndtv.in/budget-2024/income-tax-regime-is-old-tax-regime-beneficial-or-will-new-tax-regime-attract-less-income-tax-know-all-through-charts-4972584

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Income Tax Slab Budget 2024 : बजट में वित्त मंत्री ने इनकम टैक्स को लेकर क्या कहा, जानिए यहां https://gstitreturn.com/income-tax-slab-budget-2024-%e0%a4%ac%e0%a4%9c%e0%a4%9f-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8/ https://gstitreturn.com/income-tax-slab-budget-2024-%e0%a4%ac%e0%a4%9c%e0%a4%9f-%e0%a4%ae%e0%a5%87%e0%a4%82-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%a4-%e0%a4%ae%e0%a4%82%e0%a4%a4%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%a8/#respond Mon, 05 Feb 2024 12:27:23 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5619 Income Tax Slab Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल से अधिक समय से टैक्स कलेक्शन दोगुना हो गया है। Income Tax Slab Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स में कोई […]

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Income Tax Slab Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल से अधिक समय से टैक्स कलेक्शन दोगुना हो गया है।

Income Tax Slab Budget 2024 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि काफी पुराने टैक्स मामलों को सरकार वापस लेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पिछले 10 साल से अधिक समय में टैक्स कलेक्शन दोगुना हो गया है। वित्त मंत्री ने बजट भाषण में कहा, ‘राजस्व घाटे का टार्गेट बजट अनुमान के 5.9 फीसदी की तुलना में 5.8 फीसदी आंका गया है।’ वित्त मंत्री ने एक्सपोर्ट ड्यूटीज सहित डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स के लिए पिछली टैक्स दरों को ही बनाए रखने का प्रस्ताव रखा है।

क्या हैं इनकम टैक्स स्लैब

इस समय दो टैक्स रिजीम लागू हैं। ओल्ड टैक्स रिजीम और न्यू टैक्स रिजीम। न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक की सालाना इनकम पर कोई टैक्स नहीं है। जबकि 2.5 लाख से 3 लाख तक की सालाना इनकम पर ओल्ड टैक्स रिजीम में 5 फीसदी टैक्स लगता है। 3 से 5 लाख रुपये तक की सालाना आय है तो ओल्ड और न्यू दोनों टैक्स रिजीम में 5 फीसदी टैक्स लगता है। 5 लाख से 6 लाख तक की सालाना इनकम पर न्यू टैक्स रिजीम में 5 फीसदी और ओल्ड में 20 फीसदी टैक्स लगता है। 6 से 9 लाख के बीच आपकी इनकम है, तो न्यू टैक्स रिजीम में 10 फीसदी और ओल्ड में 20 फीसदी टैक्स लगता है।

15 लाख रुपये से ऊपर आय पर टैक्स

9 लाख से 10 लाख रुपये के बीच आपकी सालाना इनकम है तो न्यू टैक्स रिजीम में 15 फीसदी और ओल्ड में 20 फीसदी टैक्स लगता है। 10 से 12 लाख रुपये आपकी इनकम है तो न्यूज रिजीम में 15 फीसदी और ओल्ड में 30 फीसदी टैक्स लगता है। 12 से 15 लाख रुपये के बीच सालाना आय है तो न्यू टैक्स रिजीम में 20 फीसदी और ओल्ड में 30 फीसदी टैक्स लगता है। अगर आपकी सालाना आय 15 लाख रुपये से अधिक है, तो न्यू टैक्स रिजीम में 30 फीसदी और ओल्ड टैक्स रिजीम में 30 फीसदी टैक्स लगता है।

SOURCE : https://www.indiatv.in/paisa/tax/income-tax-slab-budget-2024-budget-2024-live-nirmala-sitharaman-2024-02-01-1020456

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ओडिशा: शराब कंपनी पर आयकर विभाग की छापेमारी छठे दिन भी जारी, अब तक 353 करोड़ रुपये बरामद https://gstitreturn.com/%e0%a4%93%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a4%be-%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ac-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b5/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%93%e0%a4%a1%e0%a4%bf%e0%a4%b6%e0%a4%be-%e0%a4%b6%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%ac-%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a5%80-%e0%a4%aa%e0%a4%b0-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b5/#respond Tue, 23 Jan 2024 13:00:23 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5604 ओडिशा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) और राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया और उन पर राज्य में अवैध शराब के व्यापार को बढ़ावा देने और काले धन का प्रसार करने का आरोप लगाया. भुवनेश्वर:  शराब बनाने वाली ओडिशा की एक कंपनी के समूह […]

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ओडिशा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) और राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया और उन पर राज्य में अवैध शराब के व्यापार को बढ़ावा देने और काले धन का प्रसार करने का आरोप लगाया.

भुवनेश्वर: 

शराब बनाने वाली ओडिशा की एक कंपनी के समूह से जुड़े विभिन्न स्थानों पर आयकर विभाग की छापेमारी लगातार छठे दिन सोमवार को भी जारी रही और अब तक कुल 353 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद की गई है. देशभर में किसी जांच एजेंसी द्वारा महज एक कार्रवाई के तहत बरामद की गई यह अब तक कि सर्वाधिक धनराशि है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. आयकर विभाग के अधिकारी बौध जिले में कांग्रेस सांसद के परिवार के स्वामित्व वाली ‘बौध डिस्टिलरीज की सुदापाड़ा इकाई में पहुंचे, जहां केंद्रीय एजेंसी ने छह दिसंबर को अपना तलाशी अभियान शुरू किया था.

अधिकारियों ने बताया कि संबलपुर, टिटलागढ़, सुंदरगढ़, बोलांगीर और भुवनेश्वर में भी छापेमारी की गई. उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी पेशेवरों के साथ आयकर विभाग की टीम ने रविवार रात को जब्त नकदी की गिनती पूरी कर ली और अब बरामद दस्तावेजों पर ध्यान केंद्रित किया गया है.

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘353 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी की गिनती की गई और इसे रविवार रात तक जब्त कर लिया गया. देश में यह किसी भी जांच एजेंसी द्वारा महज एक कार्रवाई के तहत बरामद की गई अब तक कि सर्वाधिक धन राशि है.”

ओडिशा में विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को सत्ताधारी बीजू जनता दल (बीजद) और राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया और उन पर राज्य में अवैध शराब के व्यापार को बढ़ावा देने और काले धन का प्रसार करने का आरोप लगाया.

भाजपा की ओडिशा इकाई के अध्यक्ष मनमोहन सामल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ओडिशा सरकार की आबकारी नीति राज्य में शराब माफिया के फलने-फूलने के लिए जिम्मेदार है. सरकार शराब कारोबारी को अनुचित लाभ पहुंचा रही है और बीजद उस काले धन से चुनाव लड़ रही है.”

SOURCE :https://ndtv.in/india/odisha-income-tax-departments-raid-on-liquor-company-continues-for-the-sixth-day-rs-353-crore-recovered-so-far-4653492

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कंपनियों के लिए आयकर रिटर्न भरने, ऑडिट रिपोर्ट जमा कराने की समयसीमा बढ़ी https://gstitreturn.com/%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a4%b0/ https://gstitreturn.com/%e0%a4%95%e0%a4%82%e0%a4%aa%e0%a4%a8%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a5%8b%e0%a4%82-%e0%a4%95%e0%a5%87-%e0%a4%b2%e0%a4%bf%e0%a4%8f-%e0%a4%86%e0%a4%af%e0%a4%95%e0%a4%b0-%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%9f%e0%a4%b0/#respond Sat, 20 Jan 2024 13:02:02 +0000 https://gstitreturn.com/?p=5600 नई दिल्ली: सरकार ने कंपनियों के लिए आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है. इसके अलावा ऐसी कंपनियां जिन्हें अपने खातों को ‘ऑडिट’ कराने की जरूरत होती है, के लिए ऑडिट रिपोर्ट जमा कराने की अंतिम तिथि को भी एक महीने बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दिया गया है. वित्त मंत्रालय […]

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नई दिल्ली: सरकार ने कंपनियों के लिए आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा एक महीने बढ़ाकर 30 नवंबर कर दी है. इसके अलावा ऐसी कंपनियां जिन्हें अपने खातों को ‘ऑडिट’ कराने की जरूरत होती है, के लिए ऑडिट रिपोर्ट जमा कराने की अंतिम तिथि को भी एक महीने बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दिया गया है.

वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा, ‘‘आकलन वर्ष 2023-24 के लिए फॉर्म आईटीआर-7 में आयकर रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा 31 अक्टूबर, 2023 से बढ़ाकर 30 नवंबर, 2023 कर दी गई है.'”

आयकर विभाग ने करदाताओं की तरफ से रिटर्न जमा करने में आने वाली समस्याओं एवं अन्य बिंदुओं पर मदद के लिए ई-फाइलिंग डेस्क भी गठित किया था. मंत्रालय ने कहा कि कुल मिलाकर वित्त वर्ष 2023-24 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह 18.29 प्रतिशत बढ़कर 9.87 लाख करोड़ रुपये है, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 8.34 लाख करोड़ रुपये था।

SOURCE : https://ndtv.in/india/deadline-extended-for-companies-to-file-income-tax-returns-and-submit-audit-reports-4402267

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