जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि भारत में सहकारी संघीय व्यवस्था है और इसी वजह से जीएसटी परिषद की सिफारिशों का महत्व बस प्रेरित करने का है।
जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों की बाध्यता को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने अहम फैसले में कहा है कि जीएसटी परिषद की सिफारिशों को मानने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारें बाध्य नहीं हैं। ऐसे में अब राज्य या केंद्र की सरकारें जीएसटी काउंसिल द्वारा तय किए गए रेट और इसमें शामिल वस्तुओं को शामिल करने से जुड़े फैसले मानने को बाध्य नहीं होंगे। इस प्रकार आपकी जेब पर भी इस फैसले का असर देखने को मिल सकता है।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कहा कि भारत में सहकारी संघीय व्यवस्था है और इसी वजह से जीएसटी परिषद की सिफारिशों का महत्व बस प्रेरित करने का है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अनुच्छेद 246ए के तहत संसद और विधानसभायें कर संबंधी मामलों में कानून बनाने का समान अधिकार रखती हैं।
भारत में केंद्र और राज्य दोनों के पास जीएसटी से संबंधित कानून बनाने का अधिकार है। खंडपीठ ने कहा कि जीएसटी परिषद को केंद्र तथा राज्य सरकारों के बीच व्यावहारिक समाधान निकालने के लिए जीएसटी परिषद को सौहाद्र्रपूर्ण तरीके से काम करना चाहिये।
Source-https://www.indiatv.in/paisa/business/supreme-court-says-gst-council-recommendations-are-not-binding-on-centre-and-states-2022-05-19-851836